एनडीआरआई के सहयोग से चलाए जा रहे किसान मेले का उद्घाटन 21 अक्टूबर को उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध सिंह उनियाल ने किया था। इस किसान मेले में किसानों को खेती-बाड़ी के आधुनिक तरीके, पशुधन से संबंधित उन्नत जानकारी और दूध से तैयार होने वाले उत्पादों की जानकारी दी गई। इस दौरान यमकेश्वर की कई ग्रामसभा के किसानों को बीज और बकरियां दी गईं। इसके अलावा कृषि के लिए उपयोगी सामग्री वितरित की गई।
– 3 दिन तक किसानों को सिखाए गए आधुनिक खेती, पशुपालन के गुर, किसानों को बीज और बकरियों भी दी गईं
– उत्तराखंड के औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी बोले, एनडीआरआई की तकनीक के इस्तेमाल से उत्तराखंड के किसान छू सकते हैं नए आयाम।
– हिंदू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती बोले, हमारा धर्म और संस्कृति ही भारत का प्राण, इसका संरक्षण करते रहें।
स्वामी परमात्मानंद सरस्वती ने कहा कि गाय में सभी देवताओं का वास होता है। गाय की सेवा करने से हर तरह की समृद्धि आती है। इसलिए गौसेवा करते रहें। उन्होंने देशी नस्ल की गायों को पालने और खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए बल चाहिए और यह बल हमें हनुमान जी से मिलता है। हमारा धर्म और संस्कृति भारत का प्राण है।
एनडीआरआई के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चैहान ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरुक किया जाए। इसी कड़ी में तल्ला बनास में बनाई गई गोमुख डेयरी के साथ एनडीआईआर जुड़ा और यहां आधुनिक तकनीकों का प्रयोग गायों के दूध, उनकी देखरेख और दूध से बनने वाले उत्पादों के लिए किया जा रहा है। संस्थान के वैज्ञानिक नियमित रूप से यहां आ रहे हैं। आने वाले दिनों में एनडीआरआई कई तरह गतिविधियां कराएगा।
गोमुख डेयरी वेलफेयर सोसायटी की स्थापना हिल-मेल फाउंडेशन द्वारा की गई है। फाउंडेशन की डायरेक्टर चेतना नेगी ने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को पारंपरिक एवं आधुनिक खेती और पशुपालन के लिए प्रेरित करना है। गोमुख डेयरी की परिकल्पना इस क्षेत्र में किसानों को पशुधन से संबंधित सभी तरह का आधुनिक प्रशिक्षण देने वाले एक बड़े केंद्र के रूप में की गई है। इस आयोजन में आज तक के एडीटर नेशनल सिक्योरिटी मनजीत नेगी का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग मौजूद रहे।
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