उत्तराखंड के देव वाद्य यंत्र को संरक्षित करने इसके प्रसार प्रचार के लिए आजीवन समर्पित रहूंगा : भरतवाण
देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नालापानी चौक में प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी का शुभारंभ किया, इस अवसर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, डा. धनसिंह रावत, डा. सुश्री स्वराज विद्वान (पूर्व सदस्य राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, भारत सरकार) राष्ट्रीय मंत्री भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा, डोल सागर के ज्ञाता 105 वर्षीय शेरदार आदि गणमान्य उपस्थित रहे |
अकादमी का शुभारंभ पर सीएम धामी ने लोक कलाकारों को सम्मानित करने के साथ ही अकादमी को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की, मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि हमारी संस्कृति सुरक्षित रहेगी तो हम भी सुरक्षित रहेंगे, अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने हेतु हम सबको अपने-अपने स्तर से प्रयास करना होगा। इस क्षेत्र में पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास सराहनीय है |
ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी के शुभारंभ पर प्रीतम भरतवाण ने यहां आए सभी अतिथियों को स्वागत किया, भरतवाण ने कहा कि आज इस अकादमी के जरिए ढोल सागर और उत्तराखंड की लोक संस्कृति का ढंका दुनिया में यबजाया जाएगा | भरतवाण ने कहा कि कैसेट के दौर में शुरू हुआ गीत जागर के मेरे सफर को उत्तराखंडवासियों ने जो अपास स्नेह और प्रतिसाद दिया है, उसी प्रेम से आज ढोल सागर की इंटरनेशनल अकादमी की शुरूआत तक पहुंचा हूं |भरतवाण ने कहा कहा कि अपने बुजुर्गों से विरासत के रूप में मिली जागर, पवाड़ा, धुयांल आदि ढोल सागर की कला और उत्तराखंड के देव वाद्य यंत्र को संरक्षित करने इसके प्रसार प्रचार के लिए आजीवन समर्पित रहूंगा. भरतवाण ने कहा कि देवसंस्कृति व लोकसंस्कृति के प्रतीक ढोल को जिंदा रखने के लिए ढोली का सम्मान करना होगा, जब हम समाज से ढोली का सम्मान करेंगे, जब ढोल सागर के ओरिजनल जानकार इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. भरतवाण ने कहा कि प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल अकादमी में अब तक 623 लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं |
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