देहरादून, दून शहर की सफाई व्यवस्था और निगम की समस्याओं के साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों के तबादले को लेकर
महापौर सुनील उनियाल गामा स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत से मिले | इस दौरान उन्होंने कहा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में 13 साल की कवायद के बाद शहर की सफाई-व्यवस्था किसी तरह पटरी पर आई थी कि सरकार के फैसले से व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है। नगर निगम के दोनों अनुभवी स्वास्थ्य अधिकारी के तबादले दूसरी जगह कर दिए गए, मगर उनकी जगह स्थायी अधिकारी को नियुक्ति नहीं दी गई। सफाई व्यवस्था और जन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए फिलहाल दोनों अधिकारियों के तबादले रोकने का अनुरोध किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने एक अधिकारी को रोकने का भरोसा दिया है। नगर निगम ने शहर को कूड़े व गंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए वर्ष 2008 में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की परियोजना पर काम शुरू किया था। वर्ष 2012 में निगम ने घरों से कूड़ा उठान की सुविधा शुरू की, जबकि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट जनवरी-2018 में शुरू हुआ। शीशमबाड़ा में बनाए गए इस प्लांट को लेकर 10 साल विवाद चला और अनापत्ति प्रमाण-पत्र को लेकर समय बढ़ता चला गया। पिछले साढ़े तीन साल से शहर का कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में निस्तारण को जा रहा। देश के स्वच्छ शहरों के मध्य दून की रैकिंग में भी लगातार सुधार हुआ। इसी बीच तीन साल पूर्व शहर का दायरा भी 60 वार्ड से बढ़कर 100 वार्ड हो गया है। जिस वजह से सफाई व्यवस्था सुचारू रखना इस समय नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। मौजूदा समय में नगर निगम में दो नगर स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती है। इनमें मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी व दूसरे वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह हैं।
प्रदेश सरकार ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए। इन तबादलों में नगर निगम के मुख्य एवं वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के तबादले कर दिए गए, जबकि निगम में स्थायी स्वास्थ्य अधिकारी तैनात ही नहीं किया। बुधवार को इस संबंध में नगर निगम में महापौर सुनील उनियाल गामा ने बैठक करते हुए शहर की सफाई व्यवस्था पर चिंता जाहिर की। इसके बाद महापौर ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की और सफाई व्यवस्था, कोरोना और डेंगू से रोकथाम को लेकर चल रही गतिविधियों के साथ जन स्वास्थ्य का हवाला देकर इन तबादलों को रोकने का अनुरोध किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डा. जोशी की अहम जरूरत स्वास्थ्य महानिदेशालय में है। हालांकि, उन्होंने डा. आरके सिंह को रोकने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी।
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