केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनर को हर वर्ष एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच में जीवन प्रमाण पत्र देना पड़ता है, ताकि उन्हें पेंशन का पैसा मिलता रहे। किसी भी बैंक में पेंशनर्स का पेंशन आता हो, वे अपना जीवन प्रमाण पत्र डाक घर में बनवा सकेंगे। डाकघर में भी पेंशनर्स जीवन प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। इसके बाद अब कोई भी पेंशनधारी अपने नजदीक के डाकघर में जाकर या पोस्टमैन के माध्यम से अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनवा करवा सकता है। डाकघर में इस सेवा के शुरू होने से पेंशनर को काफी सुविधा होगी। इस सेवा का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के पेंशनर्स अपने नजदीकी शाखा डाकघर में ले सकेंगे। इसके कारण उन्हें दूर शहर या बैंकों में जाकर लाइनों में लगने से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। इस सेवा का लाभ लेने के लिए पेंशनर्स के पास पीपीओ नंबर, आधार नंबर और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। डाककर्मी आधार के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र निर्गत कर देंगे, जो स्वत: पेंशन जारी करने वाले विभाग में अपडेट हो जाएगा। पेंशनर्स को इसके लिए मात्र 70 रुपये अदा करने होंगे।
सरकार देती है सामाजिक सुरक्षा पेंशन
सरकार अपने कर्मचारियों के साथ उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराती है। केंद्रीय सिविल सर्विस 1972 के नियम 54 के सब रुल 11 के अंतर्गत अगर पति और पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी है। उनकी मौत होने पर बच्चे दोनों की पेंशन के लिए हकदार है। नियमों के अनुसार नौकरी के दौरान या रिटायरमेंट के बाद किसी एक परिजन की मौत होती है। तब पेंशन जीवित पैरेंट को मिलेगी। लेकिन दोनों के देहांत होने पर बच्चों को फैमिली पेंशन मिलेगी।
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