Tuesday, November 26, 2024
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उत्तराखंड़ : बारिश ने मचायी आफत, सीमांत इलाकों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध, सहस्रधारा में सड़क का एक हिस्सा बहा

देहरादून, तीन दिन से लगातार चल रही बारिश आफत बरसा रही है। उत्तराखंड़ के पर्वतीय क्षेत्रों में में भी कई सड़कें अवरूद्ध हो गयी है, दून में ॠषिकेश जौली ग्रांट एयरपोर्ट के रानीपोखरी के बीच बना पुल भयंकर बारिश क्षतिग्रस्त होकर गिर गया, इधर मसूरी-देहरादून रोड बीती रात नौ बजे से बंद था, जो करीब 14 घंटे बाद खुल पाई और यातायात सुचारू हुआ। मसूरी के ग्लोगी धार पर लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे थे।Uttarakhand Weather Update Mussoorie dehradun road closed due to landslide  heavy rainfall alert

दूसरी ओर गंगोत्री राजमार्ग पर फकोट के पास आल वेदर रोड का हिस्सा बह गया है। इससे यातायात पूरी तरह ठप है। भिन्नु गदेरे के उफान पर आने से सड़क बही है। अब कुछ दिन तक गंगोत्री राजमार्ग बंद रहेगा, इससे पहले गुरुवार और बुधवार को हुई अतिवृष्टि से सड़कों और भवनों को काफी नुकसान पहुंचा है, जबकि कई पुल और पुस्ते भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। उधर, दून-मसूरी मार्ग और ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर दिनभर रुक-रुककर भूस्खलन होता रहा। कुमाऊं में भी सीमांत इलाकों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को कुमाऊं में भारी बारिश हो सकती है।
लगातार रातभर हुई भारी बारिश के कारण सहस्रधारा में नदी उफान पर आ गई, जिसके चलते भू कटाव के कारण सड़क का एक हिस्सा बह गया। खैरी मान सिंह में बारिश से सड़क और पुस्ते को काफी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के कारण नदी में अधिक पानी आ जाने से क्षतिग्रस्त सहस्त्रधारा-मालदेवता मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून आर राजेश कुमार को नदी को चैनलाइज करने और सड़क के क्षतिग्रस्त भाग को जल्द से जल्द दोबारा ठीक कराए जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की।Heavy damage in Katal and Manjiydi village due to the boom in Henwal river

गौशाला से 15 गायें बही

विकासनगर के जस्सोवाला गांव में शीतला नदी ने तबाही मचाई है। शीतला नदी के उफान पर आने से कई मकान धराशायी हो गए। हालांकि, हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। नदी में पानी का बहाव अभी कम नहीं हुआ है और भी कई मकानों को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, खुशहालपुर में भी एक मकान का कुछ हिस्सा नदी में बह गया। ग्राम छरबा में शीतला नदी के तेज बहाव में नदी किनारे स्थित एक गौशाला की 15 गाय बह जाने की खबर है। गौशाला संचालक रूमीराम जसवाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह लगभग चार बजे नदी में आया तेज बहाव का पानी गोवंश को बहाकर ले गया। उन्होंने बताया नदी के बहाव ने गांव के किसानो की सैंकड़ों बीघा जमीन को भी बहा दिया है।

उधर, रुद्रपुर ग्राम पंचायत के देवथला में भारी मलबा आने से ग्राम निवासी चमेली देवी का मकान ध्वस्त हो गया। इसके अलावा केदार सिंह, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, कैलाश आदि किसानों की अदरक व मक्का की फसल तबाह हो गई। खेतों में दस फीट तक मलबा आने के कारण ग्रामीणों की फसल और जमीन नष्ट हो गई।

विकासनगर के ज्येष्ठ प्रमुख प्रवीण बंसल ने पीड़ितों की पांच-पांच हजार रुपए से मदद की है। उन्होंने तहसील प्रशासन से पीड़ितों के नुकसान का आकलन करके आवश्यक कार्रवाई की मांग भी की है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने बारिश से प्रभावित कोर्ट रोड, हरिपुर, छरबा, केदारावाला का दौरा किया। उन्होंने प्रशासन से पीड़ितों की हर संभव मदद को कहा है।

भूस्खलन से गांव के 20 परिवारों को खतरा

मोसम विभाग के अनुसार अभी बारिश जारी रहेगी, इधर कभी रूक कर और कभी तेज बारिश ने कुमाऊं के सभी जिलों के सीमांत पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले का जनजीवन गुरुवार को प्रभावित रहा। बागेश्वर में बारिश के कारण कंधार-लोहागड़ी, बिजोरीझाल-ओल्लसों और शामा-लीती मोटरमार्ग बंद हो गया। कपकोट के असों गांव में पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से गांव के 20 परिवारों पर खतरा बना हुआ है।

थल-मुनस्यारी मार्ग पर नाचनी के निकट नया बस्ती के पास पहाड़ से लगातार मलबा गिर रहा है। यहां चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट-दारमा, तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख और मुनस्यारी मिलम मार्ग गुरुवार को भी बंद रहे। इधर, ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के विभिन्न जगहों पर मलबा आने के कारण दिनभर हाईवे बंद होता रहा। शाम करीब चार बजे गुल्लर घाटी के पास भूस्खलन होने से सड़क पर मलबा आने के कारण हाईवे बंद हो गया। वहीं सुबह तोताघाटी के पास भी एक घंटे तक राजमार्ग बाधित रहा। शाम छह बजे नरेंद्रनगर के सोनी गांव के पास गंगोत्री राजमार्ग भी मलबा आने के कारण बंद रहा।

पहाड़ के मलबे में दबी गांव के एक फौजी की पत्नि

धारचूला तहसील के बलुवाकोट क्षेत्र के जोशी गांव में गुरु वार को पहाड़ दरक गया। पहाड़ के मलबे में गांव के एक फौजी हरीश भट्ट की पत्नी पशुपति भट्ट दब गई। गांव के 13 मकान खतरे में आ गए। इससे सभी परिवारों ने मकान छोड़ दिया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन देर शाम तक महिला का पता नहीं चला सका। एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है और दो लोडर मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है।

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