Tuesday, November 26, 2024
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करोड़ कमाने का लालच दिया और ठग डाले 60 लाख, एसटीएफ ने किया नाइजीरियन को गिरफ्तार

देहरादून, उत्तराखंड में लगातार ठगी मामले बढ़ते जा रहे हैं, लोग पैसे कमाने के लालच में ठगी के शिकार बन रहे हैं, ऐसा ही एक मामले में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने दून के एक व्यक्ति से 60 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में नाइजीरियन को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है।

आरोपित के पास से आठ मोबाइल, दो लेपटाप व अन्य इलेक्ट्रानिक गेजेट्स बरामद किए हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति की शिकायत दर्ज करवाई थी कि एक व्यक्ति ने उनसे क्रिप्टो करेंसी में दो करोड़ कमाने का लालच देकर साठ लाख रुपये ठग लिए हैं। जांच के बाद पुलिस ने आरोपित नाइजीरियन माइकल ओहेनहेन को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले एसटीएफ ने 27 जुलाई को फेसबुक पर दोस्ती कर पूर्व सैनिक से 22 लाख, 39 हजार रुपये की ठगी करने वाले नाइजीरियन को मुंबई से गिरफ्तार किया था।

आरोपित के गिरोह ने पूर्व सैनिक से मोंगोगो वाइल्ड नट्स सीड का व्यापार करने के नाम पर रकम ठगी थी। देहरादून के लक्ष्मीपुरम तुनवाला, रायपुर में रहने वाले राकेश चंद्र बहुगुणा ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि मार्च 2019 में उनकी पहचान फेसबुक के माध्यम से मार्लिन ब्राउन नाम की महिला से हुई। महिला ने उन्हें व्यापार का प्रस्ताव दिया था, जिसमें मुंबई के व्यापारी हर्षवर्धन से मोंगोगो वाइल्ड नट्स सीड खरीदकर यूनाइटेड किंगडम की कंपनी को सप्लाई करना था। मार्लिन ने ही पीड़ित राकेश चंद्र का परिचय हर्षवर्धन से करवाया और कहा कि सीड भेजने पर उन्हें काफी मुनाफा होगा। कंपनी ने पहले पीड़ित को दो पैकेट मोंगोगो वाइल्ड नट्स सीड का आफर दिया और सीड के बदले खाते में तीन लाख, 86 हजार रुपये डलवा दिए। 10 अप्रैल को पीड़ित ने रकम जमा करके दो पैकेट और मंगवा लिए और कंपनी से संपर्क कर अपना प्रतिनिधि दिल्ली के एक होटल में बुलवा लिया। प्रतिनिधि राकेश चंद्र से सीड के पैकेट यह कहकर ले गया कि इसे बेंगलूरु की लैब में चेक किया जाना है।

 

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22 अप्रैल को कंपनी के प्रतिनिधि ने पीड़ित को फोन किया कि सैंपल पास हो गए हैं, इसलिए 10 पैकेट और मंगवा लो। आरोपित हर्षवर्धन ने 10 पैकेट के लिए 10 लाख रुपये एडवांस व 8 लाख, 53 हजार बाद में देने को कहा। छह मई को पीडि़त ने हर्षवर्धन के खाते में 10 लाख रुपये भेज दिए, लेकिन आरोपित अपनी बात से मुकर गया और कहने लगा कि पूरे पैसे देने के बाद ही वह सामान भेजेगा। पीड़ित ने 10 मई को आठ लाख, 53 हजार भी आरोपित के खाते में डाल दिए लेकिन इसके बाद आरोपित ने अपना फोन बंद कर दिया। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में की।

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