पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड़ के कई जिलों में गुलदार के कारण समय समय ग्रामीणों को दहशत के बीच रहना पड़ता है, लेकिन जब लोग तेंदुओं से ज्यादा सड़कों पर घुमने वाले आवारा कुत्तों के खौफ से दहशत में हो यह एक अचरज भरी बात है, लेकिन पिथौरागढ़ जिले में ऐसा ही हो रहा है जिसके कारण लोग घरों से निकलने में भी सुरक्षित नहीं हैं | नगर के हर चौराहे पर झुंड में जमा रहने वाले कुत्तों के चलते लोग सुबह और रात घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। लोगों ने नगर पालिका से कुत्तों पकड़वाने की मांग की है।
नगर में आवारा श्वानों की समस्या गंभीर हो गई है। टकाना, जीआईसी रोड, चिमस्यानौला, नगरपालिका चौक, सिमलगैर बाजार, सिल्थाम हर जगह श्वानों के झुंड दिखाई दे रहे हैं। बीते रोज नगर के सिमलगैर बाजार में आवारा श्वानों ने एक बछड़े को नोच डाला। देर रात हुई इस घटना के दौरान आस-पास के लोग भी दहशत के चलते बछड़े को नहीं बचा सके। अब तक कई मवेशी इन श्वानों का शिकार बन चुके हैं। तमाम लोगों को ये श्वान अस्पताल पहुंचा चुके हैं।
खौफ का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि मार्निग वॉक पर जाने वाले तमाम बुजुर्ग को अपनी वॉक बंद करनी पड़ी है। बुजुर्ग केसी जोशी ने बताया कि वह वर्षो से सुबह चार बजे सैर के लिए निकलते हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वे तब ही घर से बाहर निकल पाते हैं जब किसी दिन चौराहे पर श्वानों का झुंड नजर नहीं आता। झुंड नजर आने पर उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है। मांस की लत लग जाने से श्वान बेहद खुंखार हो गए हैं।
प्रशासन को समय रहते इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रशासन ने श्वानों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए बंध्याकरण केंद्र का प्रस्ताव बनाया है, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सका है। अवर अभियंता नगर पालिका उमेश अवस्थी का कहना है कि नगर के लिन्ठयुड़ा में बने नगर पालिका के स्लाटर हाउस में बंध्याकरण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। कक्ष तैयार करने के साथ ही जरू री उपकरण मंगाए जा रहे हैं। उपमुख्य पशुपालन अधिकारी डा.पंकज जोशी ने बताया कि पशुपालन विभाग ने बंध्याकरण के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्लाटर हाउस में जरूरी व्यवस्थाएं होते ही श्वान बंध्याकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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