देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार ने राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात होने वाले प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को तबादला एक्ट के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इन विद्यालयों में कार्यरत कार्मिक पांच वर्ष की सेवा के दौरान अनिवार्य स्थानांतरण से मुक्त रहेंगे। वहीं, सुगम के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की तैनाती को दुर्गम की सेवा माना जाएगा। शासन ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की तैनाती के संबंध में शनिवार को 15 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी आदेश में कहा गया कि इन विद्यालयों में प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की तैनाती स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से होगी। स्क्रीनिंग परीक्षा विषय ज्ञान और अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को परखने के लिए होगी। इन विद्यालयों में चयनित कार्मिकों की तैनाती पांच वर्ष के लिए होगी। इसे अच्छे प्रदर्शन के आधार पर अगले पांच वर्ष तक बढ़ाया भी जा सकेगा। उत्तराखंड बोर्ड हर वर्ष यह परीक्षा कराएगा।
राजकीय इंटर कालेजों में नियुक्त प्रधानाचार्य और हाईस्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापक भी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनाती के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रधानाचार्य पद के साथ ही प्रवक्ता व एलटी संवर्ग के शिक्षकों के पदों के लिए आवेदकों की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले से कार्यरत शिक्षकों के समायोजन को लेकर भी व्यवस्था की गई है।
इसके लिए ब्लाक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर गठित समिति इन शिक्षकों की स्क्रूटनी करेगी। इन शिक्षकों का पांच वर्ष का परीक्षाफल भी देखा जाएगा। शिक्षकों समेत कार्मिकों को अनुरोध के आधार पर इन्हीं विद्यालयों में पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा दी गई है। दुर्गम स्थानों के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों की एक वर्ष की सेवा की गणना दुर्गम में दो वर्ष की सेवा के रूप में की जाएगी।
उत्तराखंड : अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से जुड़ेंगे 898 फीडर विद्यालय
देहरादून, उत्तराखण्ड़ में चयनित 189 राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के नजदीकी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को फीडर विद्यालयों के तौर पर विकसित किया जाएगा। सरकार ने ऐसे 898 फीडर विद्यालयों का चयन किया है। फीडर प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी भाषा के व्यवहारिक ज्ञान के साथ अंग्रेजी विषय की पढ़ाई अनिवार्य की गई है। इन विद्यालयों में कंप्यूटर में दक्ष शिक्षकों को तैनाती में वरीयता दी जाएगी।
प्रदेश में राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को कक्षा एक से 12वीं तक मान्यता मिली हुई है। इन विद्यालयों में छठी से 12वीं कक्षाएं संचालित हो रही हैं। कक्षा एक से पांचवीं को भी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के साथ जोडऩे के लिए सरकार ने तोड़ ढूंढ लिया है। नजदीकी सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बतौर फीडर विद्यालय इनसे जोडऩे के शनिवार को विधिवत आदेश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से महानिदेशक को जारी आदेश में कुल 898 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को फीडर विद्यालयों के रूप में चयनित करने की जानकारी दी गई है |
राजकीय फीडर प्राथमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानक के मुताबिक पठन-पाठन का माध्यम हिंदी रखा जाएगा। वहीं फीडर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन का माध्यम हिंदी व अंग्रेजी दोनों होगा। इन विद्यालयों में अनिवार्य रूप से अंग्रेजी विषय के एक सहायक अध्यापक की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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