हरिद्वार 5 जुलाई (कुलभूषण) अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन मे वक्ताओं ने समाज में नैतिक पतन एवं परस्पर द्वेष की भावना के बढने पर चिन्ता व्यक्त की। विभिन्न धर्म एवं समुदायों के बीच बढ रही अपराधिक घटनाओं मे जातिगत आरक्षण एक बडा कारण है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन मे आरक्षण एक बडा मुददा रहा। जिसमे विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्षए महामंत्री एवं पदाधिकारियों ने वर्चुअल जूम माध्यम से आयोजित अधिवेशेन मे आरक्षण के विरूद्व एकजुट होने का आहवान किया। महासभा की उत्तराखंड ईकाई के महासचिव डा शिवकुमार चैहान ने अधिवेशन मे बोलते हुए कहा कि समाज मे परस्पर के रिश्तों एवं सोच मे आ रही गिरावट आने वाली पीढी के लिए बडा खतरा है। महासभा के अध्यक्ष ठाकुर यशपाल सिंह राणा ने कहा कि जातिगत आरक्षण को शीघ्र अति शीघ्र समाप्त करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि समाज के बिगडते माहौल को ठीक रखने का सार्थक प्रयास किया जा सके।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने क्षत्रियों के लिए जो 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है उससे महासभा संतुष्ट नही है। उन्होने जातिगत आरक्षण को समाप्त करके आर्थिक आधार पर लागू करने तथा आगामी विधान सभा चुनाव मे संख्या बल के आधार पर क्षत्रिय एवं राजपूत लोगों को पार्टी उम्मीदवार बनाये जाने के लिए राज्य स्तर पर बडे आन्दोलन चलाने की मांग की।
उत्तराखंड महासभा की ओर से लोकेन्द्रपाल सिंहए उपाध्यक्ष प्रेमसिंह राणा कोषाध्यक्ष योगेन्द्रपाल सिंह राठौर ने भी विचार व्यक्त किये। अधिवेशन मे प्रान्तीय ईकाई के तनुज शेखावत रविकिशोर चैहानए डी एस नेगी महेन्द्र नेगी केन्द्रिय ईकाई के महामंत्री ए के चंदेल सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ए पी सिंह कुवंर नरेन्द्र सिंह आदि ने भी भाग लिया।
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