पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ के जनपद पिथौरागढ़ घाट एनएच 55 घंटे से अधिक समय से बंद है। सड़क के खुलने के उम्मीद में पहुंचे सैकड़ों यात्रियों को पूरे दिन भूखे-प्यासे इंतजार करना पड़ा। इसके बाद भी उनके हाथ निराश लगी। गुरुवार को तीसरे दिन भी पिथौरागढ़-घाट के बीच यातायात बहाल नहीं हो सका। एनएच मंगलवार रात से बंद है।
दिल्ली बैंड, वल्दिया द्वार व चुपकोट बैंड के समीप भी पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरने से सड़क खोलना चुनौती बन गया है। एनएचएआई ने गुरुवार को इस सड़क पर यातायात बहाल होने की बात कही थी। लेकिन बड़ी संख्या में मैदानी क्षेत्रों से यहां पहुंचे यात्रियों को देर शाम तक सड़क नहीं खुलने से खासी परेशानी हुई।
इधर, घाट पहुंचे यात्रियों ने गुरुवार पूरे दिन इंतजार किया। इसके बाद निराश होकर वाया बेरीनाग पिथौरागढ़ पहुंचे। 110 किमी लंबा सफर करने में उन्हें 5 से 6 घंटे का अतिरिक्त समय लगा साथ ही किराया अधिक देना पड़ा। वहीं हल्द्वानी टनकपुर के लिए लोग वाया सेराघाट रवाना हुए। 86 किलोमीटर अतिरिक्त सफर कर लोग किसी तरह हल्द्वानी पहुंचे। अब शुक्रवार दोपहर बाद यातायात बहाल होने की उम्मीद जतायी गई है।
लिपुलेख सड़क 10वें दिन भी बंद
धारचूला। लिपूलेख सड़क पर 10 दिन बाद भी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। शांतिवन में भारी मलबा आने से इस सड़क को सीमा सड़क संगठन नहीं खोल पा रहा है। इससे सुरक्षा एंजेंसियों के साथ ही माइग्रेशन गांवों के लोगों के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति ठप हो गई है, एनएच के बंद रहने से पिथौरागढ़ में अधिकांश जगह तीन दिन से ताजी सब्जी नहीं पहुंची है। जिससे लोगों को भी दिक्कत हो रही है। बुधवार को सड़क खुलने की उम्मीद में व्यापारियों ने इसी मार्ग से अपने वाहन मंगाए। बाद में गुरुवार को सड़क खुलने की बात कही गई। वाहन पूरे दिन कतार लगाकर घाट में खड़े रहे। अब देर शाम तक भी सड़क नहीं खुलने से इन वाहनों में आई सब्जी व फल खराब होने की स्थिति में पहुंच गए हैं। राशन, गैस सिलेंडरों के साथ ही अन्य वाहन भी घाट में फंसे रहे। जनपद क
घाट-पिथौरागढ़, धारचूला लिपुलेख, कोटा मलोन, मदकोट बोना, मदकोट दारमा, रायाबजेता बंगापानी-जाराजिबली आदि सड़के बंद हैं |
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