देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर ने शहरों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी अपना जबरदस्त असर दिखाया, इस दौरान सरकार के साथ कई सामाजिक संस्थायें लोगों की मदद को आगे आई, इसी कड़ी में आसरा ट्रस्ट ने तुरंत राहत कार्य में जुड़ने का फैसला लिया और लोगों को राहत देने का कार्य शुरू किया | इससे पहले भी कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान आसरा ट्रस्ट द्वारा देहरादून में गरीब तबके के लोगों तथा ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों को राशन व खाद्य सामग्री की आपूर्ति की गई थी |
आसरा ट्रस्ट जिला स्तर पर संबंधित अधिकारी ( जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एo डीo एमo, एसo डीo एमo) जिनके पास कोविड-19 संकट से निपटने की जिम्मेदारी थी, के साथ समन्वय स्थापित कर उत्तराखंड के 13 में से 6 जिलों तक राहत पहुंचाने मे सफल रहा | ट्रस्ट द्वारा 10 सीएचसी ( सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ) को चिकित्सा संबंधी सामग्री प्रदान की गई इन सीएचसी में अब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, इनवर्टर, दवाइयां, नेबुलाइजर, सुरक्षात्मक उपकरणों और सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं |
संस्था नसीएचसी-चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी तथा सीएचसी-पोखरी, चमोली में दो चाइल्ड कोविड केयर यूनिट (सीसीसीयू) स्थापित करने में भी मदद की इन इकाइयों को कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिए स्थापित किया गया है, जिसमें बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की गई है | यह दो सीसीसीयू भी चिकित्सा उपकरणों और बच्चों के लिए विशेष दवाइयों से भी लैस हैं, अतिरिक्त संक्रमित क्षेत्रों तथा रेड जोन क्षेत्रों में राशन वितरण के लिए भी हाथ बढ़ाया है | हमने रुद्रप्रयाग, चमोली और श्रीनगर के विभिन्न गांव में 300 से अधिक राशन कीटों की आपूर्ति की है | देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भी लगभग 700 से अधिक राशन कीटों का वितरण किया जा चुका है |
देहरादून में संस्था ने अपने छात्रावासों में निर्वासित बच्चों के लिए पूरी तरह सीसीयू स्थापित किया हैं, साथ ही साथ हमने कोविड-19 संबंधित पूछताछ/ राहत के लिए एक हेल्पलाइन डेस्क भी स्थापित किया है |
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