Tuesday, November 26, 2024
HomeTrending Nowशर्मनाक : डॉक्टरों की लापरवाही, इलाज से पहले मांगी कोरोना रिपोर्ट, इसी...

शर्मनाक : डॉक्टरों की लापरवाही, इलाज से पहले मांगी कोरोना रिपोर्ट, इसी बीच मासूम की हुई मौत

मुजफ्फरपुर (बिहार), डाक्टर जिसको इंसान भगवान के रूप में मानता है अगर वह ही अपनी जिम्मेदारी से भाग जायें तो फिर क्या कहा जाय, ऐसी ही एक घटना मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि इमरजेंसी में लाई गई बच्ची का इलाज करने से पहले डॉक्टरों ने कोरोना रिपोर्ट मांगी और जब तक उसके पिता कोरोना टेस्ट कराकर रिपोर्ट लाए, तब बहुत देर हो चुकी थी। मासूम बच्ची दुनिया छोड़ चुकी थी। दरअसल, बच्ची के गले में लीची का बीज अटक हुआ था, जिसके इलाज में देरी हुई और बच्ची ने दम तोड़ दिया।

राधा की मौत हुई या सिस्टम ने मारा?

मृतक बच्ची का नाम राधा कुमारी है, जो अब इस दुनिया में नहीं है। उसके पिता संजय राम ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बच्ची के पिता का कहना है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने बच्ची की कोरोना रिपोर्ट की डिमांड कर दी थी। पीड़ित पिता का कहना है कि डॉक्टरों ने हिदायत दी था कि जब तक कोरोना रिपोर्ट नहीं मिल जाती, वह बच्ची को हाथ भी नहीं लगाएंगे।

घटिया सिस्टम ने मार डाला!

बेटी को कंधे पर लिए पिता संजय राम दो घंटे तक इस काउंटर से उस काउंटर घूमता रहा। फिर जब तक कोरोना रिपोर्ट लेकर दोबारा इमरजेंसी पहुंचा तब तक संजय बेटी दुनिया छोड़ चुकी थी। बेटी की लाश को गोद में लिए संजय का बुरा हाल हो गया। होता भी कैसे नहीं, उसकी लाडली को जो घटिया सिस्टम ने मार डाला था। संजय का कहना है कि अगर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर समय पर देख लेते उसकी जान बच जाती।

‘लीची का बिया अटक गया था…’

अस्पताल कैंपस में बेटी की लाश कंधे पर लिए रोते हुए संजय ने कहा कि ‘लीची का बिया अटक गया था। जाते हैं तो एक घंटा से दौड़ा रहा है इधर से उधर। कोई कहता है उस काउंटर पर, कोई कहता उधर जाओ, उधर जाते-जाते जान ले लिया।’ दरअसल, लीची खाते हुए आठ साल की बच्ची के गले बीज फंस गया था। जिसके कारण वह बोल नहीं पा रही थी और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी।

सिविल सर्जन करा रहे जांच

संजय राम, कुढ़नी प्रखंड के रघुनाथपुर मधुबन गांव के रहने वाले हैं। वह बच्ची को लेकर सबसे पहले कुढ़नी अस्पताल पहुंचे थे। वहां तैनात डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया था। यहां यह पूरा मामला हुआ। मीडिया के जरिए मामला सिविल सर्जन डॉ. एस के चौधरी तक पहुंचा तो उन्होंने चिकित्सकों की लापरवाही को गंभीर करार देते हुए जांच तथा कार्रवाई की बात कही।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments