नई दिल्ली. दिल्ली में कृषि कानूनों ( Agricultural Law ) के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों के इस आंदोलन को अब बार एसोसिएशन पानीपत का भी समर्थन मिल गया है. बार प्रधान शेर सिंह खर्ब के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने किसानों के समर्थन के साथ 10 जून को दिल्ली सिंघु बार्डर के लिए सहयोग देने का ऐलान भी किया है. प्रधान ने सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. भाकियू के जिला प्रधान सुधीर जाखड़ ने बार का समर्थन देने पर आभार जताया.
किसानों और सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर टकराव दिल्ली बॉर्डर पर जारी है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर दिल्ली में डटे हैं. समाजिक संगठनों के साथ जिला बार एसोसिएशन के प्रधान शेर सिंह खर्ब के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने किसानों को समर्थन देने के बाद सिंघू बार्डर के लिए उनके काफिले के साथ दिल्ली कूच में शामिल होने की घोषणा की. प्रधान ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के विरोध में करीब 6 माह से घर छोडक़र आंदोलनरत हैं. ऐसे में सरकार कृषि कानूनों को रद्द कर किसानों को राहत दे, जिससे आंदोलन खत्म हो.
उन्होंने किसान नेताओं को विश्वास दिलाया कि उनकी जो ड्यूटी भारतीय किसान यूनियन द्वारा लगाई जाएगी उसमें जिला बार एसोसिएशन तन, मन, धन से सहयोग करेगी. इसके साथ उन्होंने 10 जून के लिए दिल्ली जाने के लिए भी भी समर्थन दिया. पानीपत भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सुधीर जाखड़ ने बार एसोसिएशन का किसान आंदोलन के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि पानीपत बार एसोसिएशन के समर्थन से किसान आंदोलन को बल मिलेगा. उन्होंने कहा जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किये जाते उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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