देहरादून, कोरोना संकट में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) इन दिनों पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीणों को कोरोना से जंग लड़ने में मदद प्रदान कर रहा है। एसडीआरएफ की टीम न केवल इन्हें कोरोना की दवा व किट उपलब्ध करा रही है, बल्कि आइसोलेशन में रहने के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को योग भी करा रही है। प्रदेश में इस समय पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। स्थिति यह है कि मैदानी और पर्वतीय इलाकों में कोरोना संक्रमण की दर में बहुत अधिक अंतर नहीं रह गया है।
पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी इस चुनौती को और बढ़ा रही है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घरों को लौटे हैं। ये भी पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ाने के एक कारक के रूप में सामने आए हैं। इन क्षेत्रों में मामलों को बढ़ता देख प्रदेश सरकार ने अब बाहर से अपने गांव लौटने वाले प्रवासियों को ग्राम पंचायत भवन व स्कूलों में क्वारंटाइन करना शुरू कर दिया, साथ ही ग्राम प्रधानों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर उसका कोरोना टेस्ट कराने के साथ ही दवा की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। अब एसडीआरएफ भी ग्राम प्रधानों के सहयोग के लिए आगे आई है।
एसडीआरएफ ने इस समय पर्वतीय क्षेत्रों के 20 से अधिक गांवों में अपने कार्मिकों को भेजा है। ये कार्मिक यहां क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगाभ्यास करा रहे हैं। इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को जरूरी दवा और खाद्य सामग्री आदि की आपूर्ति भी कर रहे है, इसके अलावा ये कार्मिक आसपास के गांवों में आमजन को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करा रहे हैं। पुलिस उप महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि शुरुआती चरण में एसडीआरएफ ने 20 गांवों से इस अभियान को शुरू किया है। धीरे-धीरे अन्य गांवों में भी एसडीआरएफ कर्मी जाकर आमजन को जनजागरूक करने के साथ ही उनकी सहायता भी करेंगे।
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