हरिद्वार 29 अप्रैल( कुलभूषण) गुरुकुल काँगड़ी सम विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवम् प्रौद्योगिकी संकाय में बुधवार को एआईसीटीई आज के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020रू सम्भावनाएँ चुनौतियाँ और उसका प्रभावी क्रियान्वयन नामक विशय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में डा श्रीमती पंकज मित्तल प्रधान सचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो रूपकिशोर शास्त्री ने किया। प्रो शास्त्री अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वर्तमान समय की ज़रूरत बताया। उन्होंने कहा की शिक्षा का मतलब सीखने सिखाने की प्रक्रिया से हैण् शिक्षा ही वह बुनियाद है जिससे व्यक्ति समाज और देश की तरक्की सुनिश्चित होती हैण् यह एक ऐसा साधन है जो देश के बच्चों से लेकर युवाओं तक के भविष्य का निर्माण करता हैण् ऐसे में ये जरूरी हो जाता हैं कि देश की विकास को गति देने वाली शिक्षा व्यवस्था भी डायनेमिक होए ताकि बदलते वक्त के साथ स्टूडेंट्स नए ट्रेंड से अपडेट हो सकेण्
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अभियांत्रिकी संकाय के डीन प्रो पंकज मदान ने नयी शिक्षा नीति पे अपने विचार रखे तथा मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए सभी प्रतिभागियों से मुख्य वक्ता का परिचय करवाया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डाण् पंकज मित्तल ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के साथ साथ उसके नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिये शिक्षा को सबसे महत्त्वपूर्ण आधार माना गया है। देश की स्वतंत्रता से लेकर अब तक आधुनिक भारत के निर्माण में भारतीय शिक्षा प्रणाली की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आधुनिक समय की ज़रूरतों के अनुरूप भारतीय शिक्षा प्रणाली में अपेक्षित बदलाव लाने के लिये केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंज़ूरी दी गई। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ शिक्षा में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के योग्य बनाना है तथा इसके तहत पाठ्यक्रम के बोझ को कम करते हुए छात्रों में 21वीं सदी के कौशल के विकास अनुभव आधारित शिक्षण और तार्किक चिंतन को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन हेतु विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों की आवश्यकता होगी जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय तथा सहयोग नए कानूनों का निर्माण या मौजूदा कानूनों में संशोधन सहित अन्य विधायी हस्तक्षेप वित्तीय संसाधनों की वृद्धि और नियामकीय सुधार आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है तथा उच्च शिक्षण संस्थानों को 20 वर्षीय विकास योजना पे काम करना होगा तथा यह तय करना होगा की उनको शोध संस्थान बनना है या शिक्षण संस्थान।
छात्रों के बौद्धिक विकास को विकसित करने के लिए वर्तमान शिक्षण पद्धति में परिवर्तन करने होंगे तथा फ़्लिप क्लासरूम जैसी पद्धति का उपयोग करना होगा। छात्रों के लिए इंटर्न्शिप बैंक स्थापना करी जाएगी जिसमें वो अपना कौशल विकास कर सकेंगे।
कार्यक्रम अंत में कुलसचिव प्रो वी के सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन लिए आयोजकों को बधाई दी।
कार्यक्रम में पूरे देश से 235 शिक्षविदों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा लोकेश जोशी तथा डा सुयश ने किया। ।
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