देहरादून, दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में रविवार को नगर परिक्रमा निकाली गई। श्री गुरु रामराय के जयकारों और पारंपरिक भजनों के साथ नगर परिक्रमा दरबार साहिब से श्रीमहंत साहिबान की समाधि तक पहुंची। जहां-जहां से नगर परिक्रमा निकली श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ स्वागत किया। श्रीमहंत साहिबान की समाधि स्थल पर श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण और कोरोना के खात्मे की कामना की। नगर परिक्रमा के साथ ही झंडेजी का मेला भी संपन्न हो गया। कोरोना के चलते इस साल मेला सूक्ष्म स्वरूप में आयोजित किया गया। सामान्य तौर पर मेला करीब एक महीने तक चलता रहा है।
विधिवत पूजा-अर्चना और भजन कीर्तन के बीच श्रद्धालुओं को श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने आशीर्वाद दिया। सुबह करीब साढ़े सात बजे नगर परिक्रमा दरबार साहिब से रवाना हुई। नगर परिक्रमा भंडारी बाग चौक, दर्शनी गेट, लक्खीबाग, रेलवे स्टेशन, सहारनपुर चौक से होते हुए लक्खीबाग स्थित श्री महंत साहिबान के समाधि स्थल पहुंची।
यहां संगत ने चुन-चुन कलियां मैं- कलियां मैं पावां सतगुरु दे हार…, लाई-लाई-लाई-लाई-लाई बाबे ने फुलां दी बरखा लाई…, आज दी घड़ी बाबा जी रोज-रोज आवे…, मेला खुशियां दां आंदा है हर साल मेला खुशियां दा… समेत अन्य पारंपरिक गीत एवं भजन गाकर श्री गुरु रामराय को श्रद्धांजलि दी। समाधि स्थल पर श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। प्रसाद वितरण के बाद संगत वापस दरबार साहिब परिसर पहुंची और यहां झंडेजी की परिक्रमा के साथ ही नगर परिक्रमा संपन्न हुई। इसके बाद देर शाम तक श्रद्धालु झंडेजी की परिक्रमा कर मत्था टेककर आशीर्वाद लेते रहे। दरबार साहिब में खुशी का प्रसाद वितरित होने के बाद संगत अपने राज्यों को लौटने लगी, श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने नगर परिक्रमा के बाद मेले के समापन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दूनवासियों की ओर से जो स्नेह व प्रेम दिया जाता है, उसी के चलते हर साल देश-विदेश से संगत यहां आती हैं। उन्होंने मेले के सफल आयोजन व गुरु संगत को दिए गए स्नेह व सम्मान के लिए दूनवासियों का आभार जताया। साथ ही पुलिस, प्रशासन व मीडिया को धन्यवाद दिया।
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