‘कलाकारों ने मुखौटा संस्कृति व सीमांत की लोकपरंपराओं से लोगों की पहचान कराई’
पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ का जनपद पिथौरागढ़ का लंदन फोर्ट सोर की हिलजात्रा में कुमाउंनी संस्कृति व लोकपरंपराओं की झलक का साक्षी बना। ओएनजीसी के सहयोग से भाव राग ताल नाट्य अकादमी द्वारा आयोजित हिलजात्रा महोत्सव में कलाकारों ने मुखौटा संस्कृति व सीमांत की लोकपरंपराओं से लोगों की पहचान कराई। दर्शकों ने अकादमी के इस प्रयास को जमकर सराहा।
सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित लंदन फोर्ट में हिलजात्रा महोत्सव का समापन किया गया। इस अवसर पर कलाकारों ने विभिन्न परंपरागत कार्यक्रम पेश किए। कार्यक्रमों का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष पवन जोशी ने किया। उन्होंने कहा हमारी लोक संस्कृति व परंपराओं को जीवित रखने के लिए किया गया यह आयोजन सराहनीय है। बोकटा व बसौड़ के कलाकारों ने ढोल-नगाड़ों व पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर हिरन व महाकाली का मंचन कर दर्शकों का मन मोहा। वाद्य यंत्रों की आवाज से पूरी सोर घाटी गूंज उठी। कलाकारों ने मुखौटा नृत्य का भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। बैलों की जोड़ी ने खूब धमाल मचाया।
कार्यक्रमों का आनंद लेने दर्शकों की भीड़ जुटी रही। उन्होंने तालियों के साथ कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। अकादमी के सचिव कैलाश कुमार ने कहा कि आज हम अपनी लोक संस्कृति व परंपराओं को भूलते जा रहे हैं।इन्हें जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भावी पीढ़ी इससे रूबरू हो सके और लोगों को अपनी संस्कृति से पहचान हो सके, इसके लिए हिलजात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन विप्लव भट्ट ने किया।
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