नई दिल्ली,। बजट सत्र के पहले चरण के कोरोना से मुक्त रहने की बात को ध्यान में देखते हुए संसद में सामान्य स्थिति बहाल किए जाने के विकल्पों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस विचार पर गौर किया जा रहा है कि कोरोना का असर कमजोर पड़ने से बजट सत्र के दूसरे हिस्से में संसद के दोनों सदनों की बैठक अलग-अलग पालियों की बजाय सामान्य रूप से बुलाई जाए। दो हफ्ते के बजट सत्र के पहले हिस्से में सांसदों की सक्रियता पिछले करीब एक साल में सबसे ज्यादा रही। इसके बावजूद काफी कम संख्या में सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
केवल तीन सांसद ही कोरोना पॉजिटिव निकले
संसदीय सचिवालय के सूत्रों के अनुसार बजट सत्र के पहले चरण से पूर्व सैकड़ों सांसद समेत करीब 5000 कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों, मीडिया आदि के प्रतिनिधियों का कोरोना टेस्ट हुआ। इसमें इक्का-दुक्का लोगों के अलावा केवल तीन सांसद ही कोरोना पॉजिटिव निकले। बेशक संसद की ओर से कोरोना प्रोटोकाल का सत्र के दौरान पूरा प्रबंध ही नहीं नियंत्रण भी रहा पर सांसदों की आवाजाही और आपसी मेल-मिलाप इस बार कहीं ज्यादा रहा। जबकि बेहद छोटे मानसून सत्र के दौरान सदस्यों की मौजूदगी काफी कम रही फिर भी उस समय तीन दर्जन से ज्यादा सांसद कोरोना पॉजिटिव हो गए।
आंकड़ों के आधार पर होगा विचार
देश में कोरोना मामलों की घटती संख्या के साथ बजट सत्र के पहले हिस्से में इसका खास असर नहीं होने के आंकड़ों के आधार पर ही संसद में सामान्य स्थिति बहाली के विकल्प पर गौर किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन बातचीत के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर दो पालियों की बजाय एक ही पाली में संसद की बैठकें बुलाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया। हालांकि यह पूरी तरह तात्कालिक परिस्थितियों पर भी निर्भर करेगा…
ज्यादा रही सांसदों की मौजूदगी
लोकसभा अध्यक्ष का कहना था कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए मौजूदा सत्र में अधिक संख्या में सांसदों की मौजूदगी रही। ऐसे में संसद में सामान्य स्थिति जल्द बहाल हो इस पर गौर किया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना के कारण शीत सत्र की बैठक नहीं बुलाई गई तो संसदीय स्थायी समितियों की बैठकों में भी सांसद काफी कम संख्या में शामिल हो रहे थे। कई समितियों की बैठकें तो कोरम लायक सांसदों के न जुट पाने की वजह से टल गईं। लेकिन बजट सत्रावकाश के दौरान प्रस्तावित संसदीय समितियों की बैठकों में सांसदों की उपस्थिति बढ़ने के पुख्ता आसार हैं।( जेएनएन)
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