हरिद्वार, चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आने से काफी जनधन का नुकसान हुआ और कई लोगों ने अपनी जान गवाई। इस विपदा की इस घड़ी में पतंजलि योगपीठ आगे आया है और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही पतंजलि द्वारा अनाथ हुए बच्चों का पालन पोषण और उन को अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि, जैसे ही चमोली में आपदा के बारे में जानकारी हुई तो मेरे द्वारा तुरंत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन किया और उनको हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। क्योंकि हम जानते हैं आपदा के बाद वहां की परिस्थिति क्या होती है। हमारे द्वारा पहले भी आपदा में कार्य किया गया था।
इनका कहना है कि, मेरी मुख्यमंत्री से इस आपदा में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने की भी वार्ता की गई और पतंजलि उन बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ पालन पोषण की जिम्मेदारी भी उठाएगा। बालकृष्ण का कहना है कि, 2013 केदारनाथ आपदा के बाद 100 अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी हमारे द्वारा ली गई थी। उसमें से कुछ बच्चे चले गए, मगर अभी भी उनमें से बहुत सारे बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं। वही बालकृष्ण में इस आपदा में मारे गए लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना की। उनके परिवार भी हिम्मत और साहस रखें और जितने भी मदद उन परिवार को चाहिए हम देने के लिए तैयार हैं।
2013 में केदारनाथ आपदा के बाद भी पतंजलि योगपीठ द्वारा काफी कार्य किया गया था और तकरीबन 100 से ऊपर बच्चे जो अनाथ हुए थे, उनकी अच्छी शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी पतंजलि योगपीठ द्वारा संभाली गई थी और आज भी वो बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं। इस आपदा के बाद पतंजलि योगपीठ एक बार फिर आगे आया है और अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने वार्ता की है।
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