पौड़ी, जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब दो महिलायें देवदार के पेड़ पर चढ़कर नारेबाजी करने लगी, वाकया मंगलवार सुबह आठ बजे का है जब चिह्नित आंदोलनकारी मंच के बैनर तले दो आंदोलनकारी रेवती देवी व कांति देवी जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के बाहर देवदार के पेड़ पर चढ़ गई। महिलाओं का कहना था कि वह पेंशन सहित अन्य मांगों के लिए तीन माह से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिससे मजबूर होकर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। करीब सात घंटे बाद प्रशासन की ओर से मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने के बाद महिलाएं पेड़ से उतरी |
आंदोलनकारी महिलाओं के पेड़ पर चढ़ने से कुछ अन्य आंदोलनकारी महिलाओं ने जिला कार्यालय के बाहर कुछ समय के लिए जाम लगा दिया। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी महिलाओं का कहना था कि वह तीन माह से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी उनकी काई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति की प्रदेश महासचिव बीरा भंडारी ने कहा कि सभी आंदोलनकारियों को परिचय पत्र दिए गए हैं।
लेकिन, प्रशासन की ओर से इन्हें आंदोलनकारियों को मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है। जिला प्रशासन दोहरे मानक अपना रहा है। बीरा भंडारी ने बताया कि उक्त महिलाएं सुबह आठ बजे पेड़ पर चढ़ गई थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे एडीएम डॉ. एसके बरनवाल महिलाओं से वार्ता करने पहुंचे। एडीएम कार्यालय में हुई वार्ता में एडीएम डॉ. बरनवाल ने आश्वासन दिया कि आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण का मामला एक बार फिर चिन्हिकरण समिति के समक्ष रखा जाएगा। आंदोलकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। इस दौरान कोतवाल विनोद गुसाईं, एसएसआइ महेश रावत, आंदोलनकारी युद्धवीर सिंह रावत, सुषमा रावत सहित अन्य महिलाएं मौजूद थी।
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