Monday, November 25, 2024
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केन्द्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक पांच करोड़ लोगों को मकान उपलब्ध कराना: बंसल

हरिद्वार 10,दिसम्बर (कुल भूषण)   मानव अधिकार संरक्षण समिति (रजि0) के तत्वावधान में गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के संस्कृत विभाग के सभागार में विश्व मानव अधिकार दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तराखण्ड राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बतौर नरेश बंसल ने कहा कि भारत सरकार ने अपने कर्तव्य परायणता का पालन करते हुए कोरोना काल में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिलाया है। 2022 तक भारत सरकार का लक्ष्य है कि 5 करोड़ लोगों को मकान उपलबध कराए जाए, जिसमें से अब तक 2 करोड़ लोगों को मकान मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जन-धन योजना के अन्तर्गत 40 करोड़ खाते खोलकर 20 करोड़ लोगों के खातों में 500 रुपये सीधे पहुंचाए हैं। यह भारत सरकार का मानवाधिकार है। सरकार की नीतियां पूरे विश्व में अलख जगाए हुए है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) स्वतंत्रता आंदोलन से पहले किसी भारतीय द्वारा पहला विश्वविद्यालय खोला गया था। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने मानवीय कर्तव्यों का अनुसरण करते हुए बालिका शिक्षा को स्वतंत्रता आंदोलन से पहले देहरादून में कन्या गुरुकुल स्थापित कराया था। विश्वविद्यालय ने बालिकाओं की मानव अधिकार का पालन करते हुए इस वर्ष कन्या गुरुकुल परिसर, हरिद्वार में बी0ए0 एवं बी0एस-सी0 पाठ्यक्रमों को संचालित किया है। कर्तव्य और अधिकार रेल की पटरी की तरह से है, जिन पर विश्वविद्यालय खरा उतर रहा है।

उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 सुनील जोशी ने कहा कि मानव की शुरूआत कर्तव्यों का निर्वहन करने से होती है। आम आदमी को अधिकारों के साथ कर्तव्यों की पाठशाला में विचारो का पाठ पढ़ाकर उसे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। अधिकार और कर्तव्य मानव जीवन के एक सिक्के की तरह हैं।

रानीपुर विधानसभा के विधायक आदेश चैहान ने कहा कि जब कोई एक आतंकवादी मारा जाता है तो रात्रि में भी कोर्ट खोलाए जाते हैं। मगर जब कोई निर्दोष आतंकवादी द्वारा मारा जाता है तो कोर्ट नहीं खुलते। मानव अधिकार संरक्षण समिति को इन पहलुओं पर भी काम करना चाहिए, जिससे निर्दोषों को न्याय मिल सके।

मानव अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष मधुसूदन आर्य ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना काल के कारण यह कार्यक्रम भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार सूक्ष्म में किया जा रहा है। उन्होने कहा कि दरअसल 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया था। यह एक ऐसी संस्था है जो विश्व में मानव के हित में किए जा रहे अधिकारों की रक्षा करती है।

कार्यक्रम में देव संस्कृति के कुलसचिव बलदाऊ, डॉ ओ पी वर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, मनीषा दीक्षित इत्यादि ने विचार व्यक्त किये तथा मानव अधिकार संरक्षण समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की| इस अवसर पर मोनिका जैन, डॉ विशाल गर्ग, प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, प्रो0 मनुदेव बन्धु, डा0 भारत वेदालंकार, डा0 भगवानदास जोशी, डा0 ओ0पी0 वर्मा, डा0 सुरेन्द्र कुमार शर्मा, सत्यवति अग्रवाल, कमला अग्रवाल, क्षमा अग्रवाल, बीना शर्मा, सारिका खण्डेलवाल, रेखा नेगी, जीविका नेगी, मूलचन्द्र मीणा, संजय, हेमन्त सिंह नेगी, डा0 पंकज कौशिक, मनीष ब्रह्मचारी, संदीप ब्रह्मचारी, ईरा गुप्ता, गोपाल शर्मा, सतीश अग्रवाल, डा0 अतर सिंह, प्रवीन वैदिक, प्रभात आर्य इत्यादि उपस्थित रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष इं0 मधुसूदन आर्य ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण कराई| सभी पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया| मुख्य अतिथी नरेश बंसल ने एक पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम का संचालन अंकुर गोयल ने किया।

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