देहरादून, फाइनेंशियल सर्विसेज के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के आखिरी-पड़ाव की भूमिका निभाने वाले पे-प्वाइंट इंडिया ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल के माध्यम से, प्रवासी श्रमिकों द्वारा अपने गांव में रहने वाले परिवार के सदस्यों को मनी ट्रांसफर करने पर उन्हें निरूशुल्क पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस का कवरेज दिया जा रहा है। यह इंश्योरेंस बीमा कवर बीमित व्यक्ति को आकस्मिक दुर्घटनाओं की स्थिति में 50,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करता है, जिसमें दुर्घटना के कारण होने वाली मौत, या दुर्घटना की वजह से आंशिक, अस्थायी, स्थायी और पूरी विकलांगता शामिल है।
शून्य प्रीमियम की लागत पर उपलब्ध यह इंश्योरेंस कवर, विशेष रूप से केवल पे-प्वाइंट इंडिया के ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। यह पहल खास तौर पर सुविधाओं से वंचित भारत के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूरों के साथ-साथ अकुशल प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, ग्राहक को सिर्फ अपने नजदीकी पे-प्वाइंट स्टोर या पे-प्वाइंटज वॉलेट से पैसे भेजने हैं। इसमें मनी ट्रांसफर की राशि की कोई सीमा नहीं है, और हर महीने के बाद जब भी एक नया मनी ट्रांसफर किया जाता है, तब यह इंश्योरेंस कवर अपने आप ही रिन्यू हो जाता है।
अकुशल श्रमिकों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा सबसे ज्यादा हैरू इस इंश्योरेंस कवर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसका फायदा मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्रों एवं शहरों में रहने और कमाने वाले मजदूरों या कल-कारखानों, परिवहन, लोडिंग व अनलोडिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को मिले। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन अकुशल मजदूरों के अपने काम के घंटों के दौरान दुर्घटनाओं का शिकार होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
प्रवासी मजदूरों के जीवन में दुर्घटना बीमा की कमी को दूर करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस बेमिसाल पहल के बारे में टिप्पणी करते हुए, पे-प्वाइंट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री निदेशक केतन दोशी ने कहा, ष्पारंपरिक रूप से भारत में पिछड़े तबके के लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है और वे इंश्योरेंस की सुविधाओं से वंचित हैं, जिसे देखते हुए हमने इस पहल के माध्यम से उन सभी लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा के दायरे के विस्तार को अपना लक्ष्य बनाया है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। हमने इस सुविधा को मनी ट्रांजैक्शन से जोड़ दिया है, और हम चाहते हैं कि वे जागरूक बनें तथा उन्हें अपने परिवारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर गर्व का अनुभव हो।ष्
कोविड-19 महामारी के दौरान सामाजिक एवं वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करनारू कई अलग-अलग छळव् की रिपोर्टों के अनुसार, 25 मार्च से 31 मई तक पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान कम-से-कम 1,461 दुर्घटनाएं हुईं – जिसमें 198 प्रवासी मजदूरों सहित कम-से-कम 750 लोगों की मौत हुई थी। अभूतपूर्व संकट की इस घड़ी में सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई है, और ऐसे में एक्सीडेंटल इंश्योरेंस जैसे फायदे से प्रवासी मजदूरों को एक बड़ा सहारा मिल सकता है। पे-प्वाइंट ने 48,000 से अधिक डिजिटल रूप से सक्षम रिटेल स्टोर्स के अपने नेटवर्क के माध्यम से अगले साल तक 1 मिलियन ग्राहकों को कवर करने की उम्मीद जताई है।
श्री दोशी ने आगे बताया, ष्इस महामारी की वजह से प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद कठिन हालात पैदा हो गए हैं। जनसंख्या के पिरामिड के सबसे निचले तल तक पहुंचने के अपने विजन के अनुरूप हमने इस पहल की शुरुआत की है, जो स्व-रोजगार करने वाले प्रवासियों की वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता देता है तथा उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करता है।ष्
पे-प्वाइंट ग्राहकों को छोटे आकार की बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराता हैरू बड़ी-बड़ी बीमा एजेंसियां, कमीशन की बेहद कम दरों के कारण अक्सर ग्राहकों को छोटे आकार की बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराने से दूर भागती हैं, लेकिन पे-प्वाइंट ने शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में इस तरह की पॉलिसी की बिक्री में सफलता पाई है, जिससे बीमा का दायरा भी बढ़ा है। विभिन्न प्रकार की सेवाओं से प्राप्त पारितोषिक के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें पैसे भेजना, उपयोगिता सेवाओं के बिल के भुगतान, डीटीएच एवं मोबाइल रिचार्ज, हवाई यात्रा एवं बस के टिकट की बुकिंग, तथा इसी तरह की अन्य सेवाएं शामिल हैं।
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