देहरादून, ऊर्जा निगम में नियमों एवं न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए सहायक अभियंताओं की वर्ष 2008-09 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 के सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को रखे जाने जाने के खिलाफ क्रमिक अनशन आज पांचवे दिन भी ऊर्जा निगम मुख्यालय पर जारी रहा।आज एसोसिएशन की मांगो के समर्थन में ई अतुल रावत, ई अशोक यादव एवं ई अलमा अंसारी क्रमिक अनशन बैठे।
यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति की तिथि से रोटा कोटा करते हुए ज्येष्ठता सूची जारी करने के स्थान पर 2010 में नियुक्त सहायक अभियंताओं को चयन वर्ष 2008-09 में ज्येष्ठता दी गई है ।ऊर्जा निगम प्रबंधन इस मुद्दे पर सरकार एवं शासन को भी भ्रामक जानकारी देकर गुमराह कर रहा है। ऊर्जा निगम द्वारा अवर अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं की ज्येष्ठता सूची तैयार करते समय अलग अलग व्यवस्था अपनाई जा रही है जहां एक तरफ सीधी भर्ती के अवर अभियंताओं को उनकी नियुक्ति के एक वर्ष बाद ज्येष्ठता दी जा रही है वहीं दूसरी ओर सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को नियुक्ति से पूर्व विज्ञापन की तिथि से ज्येष्ठता दी गई है जो ऐसे में एक ही विभाग एवं एक ही नियमावली होने के बावजूद अलग अलग तरीके से ज्येष्ठता दिया जाने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।वक्ताओं द्वारा कहा गया कि अवर अभियंता संवर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा है ओर उनके जायज हक से उन्हें वंचित करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं एवं उनके विरुद्ध गोपनीयता के नाम पर साजिशें रची जा रही है जिससे उनके अधिकारों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अवर अभियंता संवर्ग अब अन्याय और नहीं सहेगा इसके लिए सड़क से लेकर माननीय न्यायालय तक प्रमुखता से अपने हक की लड़ाई जारी रहेगी। उपभोक्ता सेवा एवं निगम की बेहतरी के लिए प्रथम पंक्ति में रहकर प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता है परन्तु इन सबके बावजूद निगम प्रबंधन द्वारा लगातार संवर्ग की अनदेखी की जा रही हैं। अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों के विभागीय प्रकरणों का निस्तारण समय से नहीं किया जा रहा है। निगम में विभागीय आदेशों को वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है। निगम प्रबंधन हठधर्मिता पर उतारू है और संवर्ग की जायज समस्याओं को सुनने के लिए भी तैयार नहीं है। एसोसिएशन हमेशा सकारात्मक वार्ता के द्वारा समाधान का पक्षधर रहा है जिस क्रम में एसोसिएशन की प्रबंध निदेशक महोदय की अध्यक्षता में निगम प्रबंधन के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई वार्ता में परन्तु यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा एसोसिएशन के साथ सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद भी वार्ता का कार्यवृत जारी नहीं किए जाने से गतिरोध बना हुआ है।
उत्तराखंड़ ऊर्जा प्रबंधन द्वारा बिना किसी वैध नियम के सीधी भर्ती के 2010 के सहायक अभियंताओं को 2008-09 की ज्येष्ठता देने के प्रकरण पर झूठ का विमर्श तैयार करते हुए शासन एवं सरकार को गुमराह किया जा रहा है उन नियमों को शासन के सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है जो कि यूपीसीएल में लागू ही नहीं है।एसोसिएशन की सरकार एवं शासन से मांग है कि संवर्ग के सदस्यों की जायज मांग पर न्यायोचित कार्यवाही करते हुए न्याय प्रदान किया जाए। इस अन्याय के विरोध में तीनों ऊर्जा निगमों के सभी संगठन/ऐसोसिशन पूर्ण रूप से उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के साथ खड़े हैं,यदि निगम प्रबंधन द्वारा शीघ्र ही इस अनियमित ज्येष्ठता सूची को निरस्त नहीं किया गया तो आंदोलन को ओर तीव्र किया जाएगा।
आज कार्यक्रम में पवन रावत,सुनील उनियाल, वी के जैन, मनोज कंडवाल, कुलभूषण कुकरेती, सतपाल तोमर, अनिल बडोनी,मुकेश सिंह, नीरज सैनी, शीतल सैनी, सरिता मेहरा,अंजुला, राहुल अग्रवाल ,मनोज रावत, सुनील पोखरियाल, सरिता मेहरा ,नवनीत चौहान, अजीव राणा, जगपाल, अनुज कुमार, ओमकार, कुसुम आदि उपस्थित रहे।
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