देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), पर्यावरण और वनों को हानि पहुंचा रही शक्तियों के खिलाफ एकबार फिर दूनवासी आक्रोशित हो गये, शनिवार को रायपुर क्षेत्र के खलगां वन क्षेत्र के हल्दुआम में जुटे दून के पर्यावरण प्रेमियों के आक्रोश ने एक बार फिर खालऺगा बचाओ आंदोलन की याद तरोताजा कर दी। पहले यहां सोंग बांध परियोजना में प्रस्तावित 2000 पेड़ों के कटान का विरोध सामने था और अब भू माफिया द्वारा 40 बीघा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में कैंपिंग साइट के उद्देश्य से यहां लोहे के गेट,एंगल,ताडबार निर्माण, पेड़ों के संभावित विनाश को लेकर दूनवासी एकजुट हुये। पर्यावरण संरक्षण प्रेमियों द्वारा इस रिजर्व फॉरेस्ट में 12 साल पहले भूमि का खरीदा जाना, लीज पर दिया जाना संदिग्ध बताकर कर जांच की मांग सिटीजन फॉर ग्रीन दून, संयुक्त नागरिक संगठन के साथ कई सामाजिक संस्थाओं की मांग पर उच्च अधिकारियों के निर्देश के अंतर्गत यहां डीएफओ अमित कंवर रेंज अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे। इस दौरान उनके सा राजस्व विभाग के अधिकारी भी थे। इनके द्वारा अभिलेखों का मौके पर अध्ययन किया गया।परंतु इसे गहन जांच का विषय बताते हुए शीघ्र विस्तृत जांच कराने का फैसला लिया गया।
दून के क्षुब्ध नागरिकों का कहना था कि जब विवादित क्षेत्र के चारों ओर रिजर्व फॉरेस्ट हैं तो इसके बीच की भूमि कैसे निजी भूमि हो सकती है। इनके अनुसार खालऺगा वन में वृक्षों का कटान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यावरण प्रेमियों ने जनपद देहरादून में भू माफिया की 900 बीघा जमीन को सरकार में निहित करने की कार्यवाही पर खुशी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी से इस प्रकरण की भी गहन जांच करने की मांग की है। यहां बलभद्र खालऺगा विकास समिति, सिटिजन फॉर ग्रीन दून ,संयुक्त नागरिक संगठन, नेचर बड्डी, भूतपूर्व सैनिक संगठनों के जागरूक लोग शामिल थे। इनमें जया सिंह, ईरा चौहान, आशीष गर्ग, अवधेश शर्मा, प्रद्युमन सिंह, पंकज उनियाल, परमजीत सिंह कक्कड़,कैप्टन वाई बी थापा, कैप्टन विक्रम सिंह थापा, मनीषा रतूड़ी, दीपशिखा रावत, वाई एस नेगी,मनीष मित्तल, मेजर एमएस रावत,परमेंद्र सिंह बर्थवाल,एस एस गोसाई, रविंद्र सिंह गोसाई, सागर नौटियाल, रोशन सिंह,यशवीर आर्य, नीरा रावत,अंकित रोथाण,यशवीर आर्य,श्रद्धा चौहान, युद्ध वीर गोसाई,इंद्रेश नौटियाल, आभा भटनागर,मनीष,महेश असवाल,जनसंवाद,रविंद्र गोसाई आदि शामिल रहे।
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