जोशीमठ, यहां के माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह एबलांच में दबे सड़क निर्माण कार्य के 55 श्रमिकों में से 50 को बाहर निकाल लिया गया है। इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है। बर्फ के मलबे में अभी पांच श्रमिक फंसे हुए हैं। आज सुबह से दोपहर तक 14 अन्य लोगों को भी बचाया गया है, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है।
आईटीबीपी कमांडेंट विजय कुमार के अनुसार जिन मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है उनमें से 2 से 3 मजदूरों को फ्रैक्चर और सिर में चोट आई है। उन्हें भर्ती कराया गया है। आईजी पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। बाकी बचे मजदूरों को जल्द ढूंढ लिया जाएगा। डीआईजी ग्राउंड पर काम कर रहे हैं इसलिए शाम तक अच्छी खबर आने की उम्मीद है। बचाए गए सभी मजदूर जोशीमठ अस्पताल में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके से लौटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बर्फ में 55 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 50 लोगों को निकाल लिया गया है। 5 मजदूर को निकालने की कोशिश जारी है। बर्फबारी बहुत ज्यादा हुई है। जल्द से जल्द नेटवर्क स्थापित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 200 से ज्यादा जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। सेना, ITBP, एयरफोर्स, बीआरओ, एसडीआरएफ, फायर सर्विस और अन्य लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। सीएम ने कहा कि बीआरओ के मजदूर 8 स्टील कंटेनर में थे। 5 कंटेनरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
वहीं शुक्रवार रात को बर्फ के नीचे से निकाले गए मजदूरों को माणा गांव के पास सेना के कैंप ले जाया गया था, जिनमें 3 की हालत गंभीर थी, उनको इलाज के लिए आर्मी चिकित्सालय ज्योर्तिमठ में भर्ती कराया गया है। सेना और ITBP के जवान बर्फ में दबे बाकी मजदूरों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं। उत्तराखंड सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। वहीं पीएम मोदी ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
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