नई दिल्ली। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले दो-तीन वर्षों में देश में लॉजिस्टिक्स लागत को एकल अंक तक लाना है, जो फिलहाल दोहरे अंक में है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत में मौजूदा समय में लॉजिस्टिक्स लागत 14 से 16 प्रतिशत के बीच है। यह अगले दो से तीन वर्षों में घटकर 9 प्रतिशत हो जाएगी। इससे भारत की आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी सुधार होगा।
सरकार ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर की समास्याओं को दूर करने के लिए कई रणनीतिक नीतियां शुरू की हैं, जिसमें प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस-एनएमपी) और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) शामिल हैं।
मुंबई में हुए एक इवेंट में केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि हमें हाइड्रोजन को एक भविष्य के ईंधन के तौर पर देखने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने हाइड्रोजन और सीएनजी के उत्पादन के लिए बायोमास और बायोडाइजेस्टर टेक्नोलॉजी की क्षमता के बारे में लोगों को अवगत कराया।
मंत्री ने कहा कि भारत अगले 10 वर्षों में वैकल्पिक और जैव ईंधन के मामले में भी दुनिया का नेतृत्व करेगा।
वर्तमान में कुल टोल आय 52,000 करोड़ रुपये है। दो साल के भीतर यह आय 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
गडकरी ने ‘सीएनबीसी-टीवी18 इंडिया बिजनेस लीडर अवार्ड्स’ कार्यक्रम में कहा, हम ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बना रहे हैं और फंडिंग को लेकर कोई समस्या नहीं है, क्योंकि हम जो भी प्रोजेक्ट शुरू करते हैं, वह आर्थिक रूप से व्यवहार्य होता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमें 2.8 लाख करोड़ रुपये के बजट के रूप में वित्त मंत्रालय से भी मजबूत सपोर्ट मिला है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी, बिजली, परिवहन और संचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी है।
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