हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा) डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में दो दिवसीय वैदिक आनन्दोत्सव का आगाज़ किया गया। डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के प्रधान पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी जी के निर्देशन में वैदिक आनन्दोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है, कार्यक्रम की इस कड़ी में इस वर्ष दो दिवसीय ‘वैदिक आनन्दोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन स्कूल की वार्षिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, और अभिभावकों को एक साथ आने और स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाने का सुअवसर मिलता है। इस कार्यक्रम में वेदों के सार को प्रबुद्धजनों द्वारा समझाने का प्रयास किया जाता है।
आधुनिक भारत के चिंतक तथा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती जी के पद चिह्नों पर अग्रसर डीएवी संस्थान निरंतर समाज में नैतिक मूल्यों व भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयत्नरत है। इस सम्मेलन में बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने का अनूठा प्रयास किया गया। शिक्षा, संस्कार, संस्कृति एवं देश भक्ति का अनूठा संगम हुआ, वैदिक विचारों का खूब मंथन हुआ। पवित्र यज्ञ में वेद मंत्रोच्चारण से विद्यालय प्रांगण गुंजायमान हुआ, यज्ञ की सुगंध से सम्पूर्ण वातावरण पवित्र हो गया।
आयोजन की शुरुआत मंत्र उच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार कपिल ने मुख्य अतिथि श्री मनीष अग्रवाल जी, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई, देहरादून, मुख्य वक्ता श्री सुरेन्द्र शर्मा जी तथा उनकी पत्नी तथा अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत समृद्धि सूचक पौधे एवं अंगवस्त्र देकर किया गया।
डीएवी गान ‘डीएवी जय जय’ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि के सम्मान में स्वागत नृत्य ‘पधारो म्हारो देश रे’ प्रस्तुत किया गया।
फाउण्डेशनल स्टेज के छोटे बच्चों द्वारा पर्यावरण की रक्षा और वृक्षों के कटाव से होने वाली हानियों को दर्शाता हुआ समूह नृत्य ‘ना काटो मुझे’ प्रस्तुत कर दर्शकों को पर्यावरण के प्रति संजीदगी से सोचने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सुरेन्द्र शर्मा जी ने अपने प्रवचन में कहा कि डीएवी विद्यालय अंग्रेजी की शिक्षा के साथ-साथ वैदिक संस्कारों की शिक्षा भी दे रहा है। उन्होंने चारों वेदों के उद्देश्य को बताते हुए ओ3म् का अर्थ बताया। ओ3म् ईश्वर प्राप्ति का साधन है। उन्होने प्रकृति, ईश्वर और आत्मा का रूप समझाया। डीएवी विद्यालय श्रेष्ठ समाज के निर्माण में अग्रसर है, ऐसा उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा।
कक्षा दो के विद्यार्थियों ने गीता श्लोकों की सरस और सार्थक प्रस्तुति दी। दर्शकों ने तालियों से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
डीएवी विद्यालय नृत्य, संगीत, संस्कृति के साथ-साथ अपने विद्यार्थियों को इतिहास की भी शिक्षा देता है, जिससे वह अपनी संस्कृति और इतिहास के गौरव को याद रखें। नाटक ‘रानी अहिल्याबाई होलकर’ की शानदार प्रस्तुति के माध्यम से एक वीरांगना की वीरता और एक नारी के अडिग निर्णय और त्याग की कहानी प्रस्तुत की गई। उपस्थितजनों ने तालियों की गूँज से बच्चों की प्रस्तुति की प्रशंसा की।
सत्र 2023-2024 में शत-प्रतिशत उपस्थित रहने वाले सभी विद्यार्थियों को मुख्यातिथि श्री मनीष अग्रवाल द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्री मनीष अग्रवाल, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई, देहरादून ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचन दिए। उन्होंने कहा कि डीएवी विद्यालय स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा जगाई गई वेदों की अलख को निरंतर जागृत कर ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। अपने नाम के अनुरूप दयानन्द एंग्लो वैदिक (डीएवी) अंग्रेजी और वैदिक संस्कृति का समागम इन विद्यालयों के माध्यम से समाज को मिल रहा है। उन्होनें कहा कि विद्यालयों में बच्चों की अनुपस्थिति की संख्या निरंतर बढ़ रही है तथा अभिभावकों में बच्चों को कोचिंग संस्थान भेजकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करवाने की होड़ सी लगी है, जबकि विद्यालय उन्हें न केवल किताबी शिक्षा अपितु संस्कार, सहयोग तथा जीवन में काम आने वाली कितनी ही दैनिक शिक्षा देने का कार्य करते हैं, जो कि अन्य कहीं नहीं दी जा सकती। कोचिंग संस्थान प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिला सकते हैं किंतु बच्चों का सर्वांगीण विकास विद्यालय में ही होता है।
विद्यालय के अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं ने भजन प्रस्तुति द्वारा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कक्षा तीन, चार और अन्य विद्यार्थियों के समूह नृत्य ‘तारों से सजके’ तथा ‘वन्दे मातरम्’ की शानदार प्रस्तुति ने सब का मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के अतिरिक्त हरिद्वार के विभिन्न विद्यालयों तथा उत्तराखंड के डीएवी विद्यालयों के प्रधानाचार्य जैसे श्रीमती शालिनी समाधिया, श्रीमती लीना भाटिया, डाॅ0 अनुपम जग्गा, श्री रमणीक शाह सूद, श्रीमती पूनम श्रीवास्तव, श्रीमती नीलम बक्शी, डाॅ0 श्रीनिवास, श्रीमती बबीता श्रीनिवास, श्री पी.के. सरकार आदि सम्मिलित हुए। अन्य गणमान्य अतिथियों में श्री कुलभूषण सक्सेना, डाॅ0 एस.के. मिश्रा, श्री राजेन्द्र भाटिया आदि उपस्थित रहे।
अंत में विद्यालय प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार कपिल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथिगणों का धन्यवाद किया। मंच संचालन अध्यापिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा द्वारा किया गया।
प्रसाद वितरण के साथ 18 नवंबर 2024 ‘वैदिक आनंदोत्सव’ के कार्यक्रम का समापन हुआ। कल दिनांक 19.11.2024 को एक बार पुनः डीएवी विद्यालय अपने कार्यक्रमों के माध्यम से वैदिक चेतना का प्रसार करेगा।
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