देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लेखक गांव थानो नवोदित लेखकों के लिए एक सार्थक मंच बनेगा। जल्द ही यहां एक पुस्तकाल भी आकार ले लेगा, जिसमें पहले चरण में एक लाख पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। अगले चरण में पुस्तकालय में 10 लाख पुस्तकें उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डा. निशंक ने बताया कि स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तहत स्थापित देश के पहले लेखक गांव में पांच दिवसीय अतंराष्ट्रीय साहित्य और कला समारोह संपन्न हुआ, जिसमें देश – विदेश के साहित्य, संस्कृति, कला और विज्ञान क्षेत्र की अनेक विभूतियों ने हिस्सा लिया। 65 से ज्यादा देशों के साथ ही भारत के सभी राज्यों से आए लेखकों विचारकों, चिंतकों, और वैज्ञानिकों ने इसे एक अद्भुत एवं अविस्मरणीय बना दिया। इसमें गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी बोली-भाषा के लेखकों की कार्यशाला हुई और अनेक क्षेत्रीय बोली-भाषा की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। लेखक गांव नवोदित लेखकों को एक मंच दिया जाएगा। इसके साथ जिन्हें अपनी पुस्तकें लिखने के लिए उचित माहौल नहीं मिल पाता, उन्हें भी यहां लिखने का मौका दिया जाएगा। जो भी लेखक गांव में पुस्तक लिखेगा, उसका प्रकाशन भी लेखक गांव करेगा। इस दौरान स्पर्श हिमालयन फाउंडेशन की निदेशक डा. सरिता मोहन, डा.आरके जैन, डा. राजेश नैथानी आदि मौजूद रहे।
वाजपेयी की प्रेरणा से बना लेखक गांव
निशंक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री व भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा से ही लेखक गांव बनाने का निर्णय लिया। वाजयेपी को लेखकों प्रति बड़ी चिंता और पीड़ा थी कि यहां लेखकों को सम्मान नहीं मिलता है और उनका जीवन बहुत कष्टकर और दुखदायी होता है। इसी से प्रेरणा लेकर इस परिकल्पना को साकार किया है, जो एक अद्भुत और अभूतपूर्व प्रयास है।
वाजपेयी की जयंती पर व्याख्यान माला
डा. निशंक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जयंती पर 25 दिसंबर को लेखक गांव में अटल व्याख्यान माला की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान उत्तराखंड की स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कला और साहित्य के क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
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