नई दिल्ली , । मोबाइल टेलीफोन की कम दरें (लो-कॉस्ट मोबाइल टेलीफोनी) भारत को डिजिटल बनाने की राह पर लाने में मददगार रही हैं। वर्ष 2022-23 में 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के 85 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे। मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों का यह आंकड़ा ठीक दो वर्ष पहले 2022-21 में 70.2 प्रतिशत था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा रिलीज किए गए एक सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है। भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी दो वर्षों में काफी सुधार देखा गया है।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी बताती है कि 2020-21 में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 41.8 प्रतिशत था। वहीं, 2022-23 में यह बढक़र 59.8 प्रतिशत हो गया। इनमें 15-29 आयु वर्ग के लोग 84.2 प्रतिशत से भी ज्यादा हैं।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक उम्र की 78.7 प्रतिशत महिलाएं एक्टिव मोबाइल कनेक्शन का इस्तेमाल कर रही हैं। ठीक दो वर्ष पहले इस उम्र वर्ग की केवल 56.7 प्रतिशत महिलाएं ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा रही थी। वहीं, 2020-21 में 83.2 प्रतिशत पुरुष ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा रहे थे। ठीक दो वर्ष बाद 2022-23 में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले पुरुषों का यह आंकड़ा 91.4 प्रतिशत पहुंच गया।
इस नए सर्वेक्षण के अनुसार, हर 5 में से 2 व्यक्ति बैंकिंग लेन-देन करने में सक्षम है। वहीं, 43.4 प्रतिशत लोग अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईमेल भेजने में कर सकते हैं।
सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी के अनुसार, लगभग 94 प्रतिशत आबादी के पास उनके निवास स्थान से दो किलोमीटर के भीतर बारहमासी सडक़ों तक पहुंच थी और शहरी क्षेत्रों में 93.7 प्रतिशत लोगों के पास 500 मीटर के भीतर परिवहन सेवा उपलब्ध थी।
स्वच्छता और पेयजल की उपलब्धता में दो वर्ष पहले की तुलना में सुधार हुआ है और यह लगभग पूर्ण हो गई है। शहरी क्षेत्रों में जेब से किया जाने वाला खर्च घटकर 1,446 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 950 रुपये रह गया, जिससे स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में भी सुधार का संकेत मिलता है।
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