Sunday, November 24, 2024
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महासम्मेलन : मलिन बस्तियों, वन अधिकार कानून व महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर हुई व्यापक चर्चा

देहरादून (दीपिका गौड़), प्रमुख विपक्षी दलों एवं विभिन्न जन संगठनों ने मलिन बस्तियों, वन अधिकार कानून व महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर आज व्यापक चर्चा की। इस सम्बन्ध में कई प्रस्ताव भी पारित किये गये।
स्थानीय प्रेस क्लब मे आयोजित इस महा सम्मेलन में विभिन्न दलों के वक्ताओं ने सरकार की नाकामियों को उजागर करते हुए जनता से अपील की कि वे जनहित के मुद्दों पर भाजपा सरकार व पार्टी से जबाब मांगे।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार अपना फ़र्ज़ न निभा कर कोर्ट के आदेशों के बहाने मलिन बस्तियों के लोगों को बार- बार बेदखल और बेघर करने की कोशिश कर रही है। कानून के मुताबिक शहरों, वन इलाकों और ग्रामीण इलाकों में लोगों को हक़ देना सरकार का फ़र्ज़ है लेकिन बीजेपी सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है।
वक्ताओं ने कहा कि मलिन बस्ती के 2018 के कानून का विस्तारीकरण कर उसे आगे बढ़ाया जाये। जब तक उन्हें मालिकाना हक़ या उनका पुनर्वास न हो उन्हे बेघर न किया जाये।
वक्ताओं ने ग्रामीण इलाकों में वन अधिकार कानून पर अमल और उन्हे हक़ दिलाने, देहरादून के “एलिवेटेड रोड” जैसे विनाशकारी परियोजनाओं को रद्द करने व पेड़ों की कटाई और पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने वाली परियोजनों पर रोक लगाने की मांग सरकार से की है।
वक्ताओं ने कहा कि पर्यावरण एवं पेड़ों पर हनन कर सरकार चंद कंपनियों को फायदा पहुंचवाने के लिए प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” जैसे परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। इन पर हज़ारों करोड़ खर्च करने के बजाय जैम के असली हल पर सरकार कदम उठाये और लोगों को स्वस्थ, शिक्षा और घर देने पर काम करे। वक्ताओं ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गयी है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। निष्पक्ष कार्यवाही करने के बजाय सत्ताधारी पार्टी एक तरफ अपने नेताओं को बचा रही है ।
दूसरी तरफ चमोली, कीर्तिनगर, देहरादून और अन्य जगहों में महिलाओं की सुरक्षा के बहाने नफरती हिंसा और दुष्प्रचार को फैला रही है। महिला विरोधी एवं नफरती अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि नफरती चिन्टूओं व महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की जाये।
वक्ताओं ने उत्तराखंड की जनता से अपील की कि जो भी राजनेता, दल, या उमीदवार उनके पास आये , उनसे इन मुद्दों के बारे में ज़रूर जवाब मांगे।
सम्मेलन को उत्तराखंड क्रांति दल के लताफत हुसैन, कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, समाजवादी पार्टी की हेमा बोरा, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के जिला सचिव सीपी शर्मा; सीपीआई के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य समर भंडारी, समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार; सीआईटीयू के लेखराज; पूर्व बार कौंसिल अध्यक्ष रज़िया बैग; उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत; चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल एवं सुनीता देवी; वन गुजर ट्राइबल युवा संगठन के मीर हमजा; और बस्ती बचाओ समिति की प्रेमा ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महामंत्री गंगाधर नौटियाल और सीपीआई के समर भंडारी ने की। सचालन उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल ने किया। कार्यक्रम में पप्पू कुमार, रमन पंडित, संजय साहनी, नरेंद्र, रहमत, विनोद बडोनी, राजेंद्र शाह, जगमोहन मेहंदीरत्ता, आदि कई नेता शामिल रहे।

 

एक असाधारण कम्युनिस्ट नेता का चले जाना एक अपूर्णीय क्षति : कामरेड विक्रमसिंह

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी को याद करने के लिऐ आज देहरादून के प्रेस सभागार में सीपीएम उत्तराखण्ड राज्य कमेटी की ओर से श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया जिसमें विभिन्न राजनैतिक दल एवं सामाजिक संगठनों ने हिस्सेदारी की । हिस्सेदारी करने वालों सीपीएम ,सीपीआई ,सीपीआई एमएल, कांग्रेस, सपा, बसपा, आयूपी, यूकेडी, जेडीएस, महिला मंच, जनवादी महिला समिति, सीटू ,एटक ,अम्बेडकर समिति, एसएफआई, गढ़वाल सभा, सर्वोदय मण्डल, बीजीवीएस, एआईएलयू, इफ्टा, उत्तराखण्ड़ आन्दोलनकारी परिषद ,सर्वोदय मण्डल ,चेतना आन्दोलन, उपपा, बैंक, बीमा, जनसंवाद, बार कौंसिल उत्तराखण्ड़ आदि अनेक संगठनों ने हिस्सेदारी की ।
इस अवसर मुख्य वक्ता के रुप मे बोलते हुऐ सीपीएम के केन्द्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड विक्रम सिंह ने कहा है कि कामरेड येचुरी का निधन न केवल हमारी पार्टी को बल्कि वामपंथ एवं भारतीय राजनीति को एक अपूर्णीय क्षति है । उनके निधन से अपने एक मृदुभाषी एवं एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय नेता खो दिया है ।उन्होंने कहा है कि वे सौम्य व्यवहार हरेक को आकर्षित करता रहा है । वे साम्प्रदायिक के खिलाफ सतत् संघर्ष कर सदैव धर्मनिरपेक्ष एवं जनतान्त्रिक ताकतों को मजबूत बनाने के लिऐ प्रयासरत रहे ।उन्होंने कहा है कि कामरेड येचुरी सदैव अपने योगदान को याद करते रहेंगे ।
श्रृद्धांजलि सभा को सीपीआई राष्ट्रीय कौंसिल के सदस्य कामरेड समर भण्डारी, सीपीएम राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी ,माले के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी, कांग्रेस के नेता शिशुपाल सिंह बिष्ट ,सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, बसपा के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ,सपा की महामंत्री आभा बर्थ्वाल, यूकेडी के नेता लताफत हुसैन, डीएवी महाविद्यालय के प्रवक्ता सुमेर चन्द रवि, सर्वोदय मण्डल के हरबीरसिंह कुशवाहा, महिला मंच की कमला पन्त ,जनवादी महिला समिति इन्दु नौडियाल, किसान सभा के गंगाधर नौटियाल ,सीआईटीयू के महेन्द्र जखमोला आदि ने सम्बोधित किया ।
कामरेड सीताराम येचुरी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सर्वोच्च ,वामपंथी आन्दोलन के असाधारण नेता और जानेमाने मार्क्सवादी सिद्धांत कार थे ।
वह एक प्रतिभाशाली छात्र थे जिन्होने अण्डर ग्रेज्युट और पोस्ट ग्रेज्युट की डिग्री अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में हासिल की थी । वे 1974 में जवाहरलाल नेहरु विश्व विधालय छात्र आन्दोलन में शामिल हुऐ थे और स्टूडेंट्स फैडरेशन आफ इण्डिया के नेता बने ।वे तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे ।1984 से 1986 में दो बार एस एफ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और संगठन को अखिल भारतीय स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।कामरेड येचुरी 1975 में पार्टी से जुड़े ।
आपातकाल में उन्हें राजनैतिक गतिविधियों के कारण गिरफ्तार होना पड़ा ।पार्टी की 12वीं कांग्रेस में वे केन्द्रीय कमेटी के लिऐ चुने गये और अन्तिम समय तक वे इस कमेटी के सदस्य रहे ।1989 में केन्द्रीय कमेटी सैकेटीरियट के लिए चुने गये ,1991 में पोलिट व्यूरो सदस्य पिछले 9 सालों से 12 सितम्बर 2024 देहावसान तक वे सीपीएम के अखिल भारतीय महामंत्री रहे ।
इससे पूर्व कामरेड विक्रम सिंह सहित पार्टी एवं अनेक सामाजिक संगठनों के नेताओं ने दिवगंत कामरेड येचुरी के चित्र पर श्रृद्धासुमन अर्पित किये तथा उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की सभा की अध्यक्षता कामरेड सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने किया तथा संचालन कामरेड राजेन्द्र पुरोहित ने किया, कामरेड सतीश धौलाखण्डी आदि साथियों ने जनगीत प्रस्तुत किया ।
इस अवसर डा. राजेश पाल , अनन्त आकाश, लेखराज, नवनीत गुंसाई अशोक शर्मा, शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, नरेंद्र राणा, हरजिंदर सिंह, शम्भूप्रसाद ममगाई ,सुरेश कुमार, मनमोहन सिह, समदर्शी बर्थवाल, नितिन मलेठा, हिमान्शु चौहान, राकेश अग्रवाल, विजय भट्ट, इन्देश नौटियाल, एस एस रजवार, शैलेन्द्र परमार ,सुरेन्द रावत, जितेन्द्र भारती, वेदिकावेद, मालती हलधर, चित्रा, नुरैशा, दीप्ति रावत, वी के डोभाल, धर्मानन्द लखेडा आदि बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे

 

शहीद स्मारक से ऋषिकेश त्रिवेणी घाट तक पहुँची स्वाभिमान पदयात्रा

“मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर पदयात्रा में जुटे जुटे लोग”

देहरादून, मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने मूल निवास 1950 और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर देहरादून के शहीद स्मारक से ऋषिकेश त्रिवेणी घाट तक स्वाभिमान पदयात्रा निकाली। करीब 45 किमी तक युवा पैदल चले। मियावाला, भानियावाला, जौलीग्रांट, रानीपोखरी और ऋषिकेश में पदयात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के नेतृत्व में निकली इस पदयात्रा में 29 सितंबर को ऋषिकेश में होने जा रही स्वाभिमान महरैली को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
ऋषिकेश के त्रिवेणीघाट में पदयात्रियों ने गंगाजल हाथ में लेकर संकल्प लिया कि वह अंतिम सांस तक मूल निवास और भू-कानून के लिए लड़ते रहेंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अपने ही राज्य में मूल निवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया है। यहां की संस्कृति, संसाधन, रोजगार, जमीनों पर बाहरी ताकतें कब्जा जमा रही है। अपराधियों द्वारा सरेआम मूल निवासियों को मारा जा रहा है। ड्रग्स का कारोबार तेजी से फैल रहा है और इसकी गिरफ्त में हमारी युवा पीढ़ी आ रही है। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा, जिस दिन हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
मोहित डिमरी ने यह भी कहा कि आज मूल निवासियों को एक होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। बाहरी ताकतें हमें कमजोर समझ रही है। हमारी जमीनों पर बाहर के लोग कारोबार कर रहे हैं और हमारे लोग वहां नौकर या चौकीदार बन रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मूल निवासियों को सरकारी और प्राइवेट नौकरी के साथ ही सरकारी योजनाओं में 90 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। राज्य में कितने मूल निवासी हैं, इसका सर्वेक्षण भी होना चाहिए।
इस मौके पर लूशुन टोडरिया, प्रांजल नौडियाल, आशीष नौटियाल, विपिन नेगी, पंकज उनियाल, प्रज्ज्वल जोशी, मनीष रतूड़ी, गणेश धामी, दीपिका फर्स्वाण, उत्तम पँवार, राहुल कोहली, आर्यन रावत, आशुतोष कोठारी,बअतुल थपलियाल
यशवर्धन कत्वान, कार्तिकेय उनियाल, जगत मर्तोलिया, धर्मेंद्र रावत, यश उनियाल, शुभेंदु बहुगुणा, सौम्य रावत, अनिल डोभाल, विनीत सकलानी, रश्मि सती नैनवाल, वंदना रावत, सुनील राणा, अंकित नेगी, नवीन नकोटी, कार्तिकेय कपरवांण, जगमोहन नेगी, मोहन रावत, एल पी रतूड़ी, विश्ववेधर बौटियाल, नवनीत गुसाईं, दिमेश्वर रानाकोटी,मोनू नौडियाल
अमित पंत, नमन चन्दोला, प्रशांत कांडपाल सहित कई लोग मौजूद थे।

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