Friday, September 20, 2024
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नशाखोर बेटे ने हत्या कर मां का शव बाथरूम में छिपाया, पुलिस आरोपी बेटे की तलाश में जुटी

हरिद्वार, जनपद के पथरी थाना क्षेत्र के गांव धनपुरा में नशे के लिए पैसे न देने पर एक बेटे ने अपनी मां की सिर पर हमला कर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने मां के शव को बाथरूम में डालकर फरार हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने आरोपी बेटे की तलाश शुरू कर दिए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना ग्राम धनपुरा में घटित हुई। यहां बीस वर्षीय सावन कुमार ने अपनी मां 50 वर्षीय कमलेश की सिर पर फावड़े से हमला कर हत्या कर दी। एक पड़ोसी घटना के बाद जब कुछ देर बाद उनके घर में पहुंचा तो कमलेश को खून से लथपथ शव बाथरूम के अंदर पड़ा दिखा |

इसके बाद पड़ोसियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पथरी थाना प्रभारी रविंद्र कुमार, फेरूपुर चौकी प्रभारी और पुलिस की पूरी टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लिया और मामले की जानकारी जुटाई तो सामने आया कि आरोपी सावन स्मैक का नशा करता है। मंगलवार सुबह जब उसका भाई व पिता काम पर चले गए तो उसने स्मैक के लिए अपनी मां से पैसे मांगे। पैसे न देने पर गुस्सा में आकर मारपीट करने लगा। इसके बाद घर में रखे फावड़े से अपनी मां के सिर पर कई बार कर दिए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 

आईएसबीटी की घटना को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ निकाला कैंडल मार्च

देहरादून, आईएसबीटी में बस के भीतर किशोरी से सामूहिक बलात्कार के मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज फिर से महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी की अध्यक्षता में कैंडल मार्च निकाला। आईएसबीटी गेट से कैंडल मार्च शुरू करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
गोगी ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बस में किशोरी से सामूहिक बलात्कार के अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में देरी की गई है। गोगी ने कहा कि रोड़वेज पर लोगों का भरोसा हुआ करता था। लोग अपने बच्चों, प्रियजनों को जानबूझकर अन्य बसों की अपेक्षा रोडवेज में यात्रा करने को कहते रहे हैं ताकि उनका सफर सुरक्षित रहे। भाजपा सरकार ने एक तो रोडवेज का भी काफी हद तक निजीकरण कर दिया है दूसरे इसमें अनुबंध पर कई कर्मचारियों से बिना वेरिफिकेशन कराए काम लिया जा रहा है जो रोडवेज प्रबंधन और सरकार की साफ साफ विफलता है।
गोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बस रक्षाबंधन पर बहनों को मुफ़्त सफर की रवायती घोषणा कर देते हैं लेकिन ये तो देखें कि बसें उपलब्ध भी है या नहीं, लोगों को सीट भी मिल पा रही है या नहीं और सबसे महत्वपूर्ण कि बहनें इन बसों में सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच पा रही हैं या नहीं। भाजपा सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। उपस्थित नेताओं ने एक सुर से कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता पीड़ित किशोरी को न्याय न मिलने तक मामले को उठाते रहेंगे।
इस दौरान मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, महानगर महिला अध्यक्ष उर्मिला थापा ,अभिनव थापर ,नवीन जोशी ,मोहम्मद वसीम विधानसभा अध्यक्ष धर्मपुर ,मुकीम अहमद पार्षद ,इतात खान पार्षद ,
आबिद अली पार्षद ,ललित भद्री ,अलोक महता ,अनिल शर्मा ,सहजाद अंसारी ,
रईस अहमद ,तौफीक खान, जाहिद अंसारी ,मोहम्मद फारुख, सईद जमाल, नूर हसन प्रधान,पीयूष गॉड ,मनमोहन शर्मा ,सलमान अहमद, तनवीर खान, फैसल ,रियासत अली, सुभाष धीमान आदि उपस्थित थे।

 

सात महीने के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण, हिमालयन अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन कर दिया नया जीवन

देहरादून(डोईवाला), एक सात महीने के बच्चे का डाक्टरों की टीम सफल आपरेशन किया । मिली जानकारी के मुताबिक बच्चे के लगातार बढ़ रहे पेट को देख परिजन परेशान थे। उन्होंने जब डॉक्टरों को दिखाया तो बच्चे के पेट में भ्रूण होने की बात सामने आई। तब हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का ऑपरेशन कर नया जीवन दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, बच्चा जब सिर्फ सात माह का था, जब उसकी मां का ध्यान उसके बढ़ते हुए पेट पर गया। शुरू में उसने इसे नजरअंदाज किया। पर जब पेट निरंतर बढ़ता ही गया तो उसे चिंता हुई। कई जगह चिकित्सकों को दिखाने के बावजूद बच्चे को आराम नहीं मिला |
बच्चे की मां व परिजनों ने हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट में वरिष्ठ बाल शल्य-चिकित्सक डॉ.संतोष सिंह से संपर्क किया। रिंकू की प्राथमिक जांच मे उन्हें पेट मे किसी असामान्य गांठ होने का शक हुआ। जब एक्सरे किया गया तो रिंकू के पेट मे पल रहे एक मानव-भ्रूण होने का पता चला।
डॉ.संतोष सिंह ने बताया कि इसे मेडिकल भाषा में फीटस इन-फीटू कहते हैं। जिसके बाद बच्चे के ऑपरेशन की योजना बनाई गई। पिछले सप्ताह बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया। उसके पेट से भ्रूण को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया है। ऑपरेशन के चार दिन बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ बच्चे को घर भेज दिया गया।
डॉ.संतोष सिंह ने बताया कि फीटस-इन-फीटू मानव भ्रूण-विकास की एक अत्यंत असामान्य घटना है। इसमें भ्रूण विकास के समय किसी अज्ञात वजह से एक भ्रूण दूसरे के अंदर विकसित होने लगता है, बिल्कुल एक परजीवी की तरह। अल्ट्रासाउंड से इसका पता मां के गर्भ में ही लगाया जा सकता है, हालांकि अधिकतर मामलों मे इसका पता जन्म के बाद ही चलता है |
डॉ. ने बताया फीटस-इन-फीटू जैसे केस लगभग पांच लाख में से भी अधिक गर्भावस्थाओं में किसी एक को हो सकता है। आमतौर पर ये एक से दो वर्ष तक की आयु मे शिशु के पेट के असामान्य तरीके से बढ़ने के कारण ही संज्ञान में आता है।

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