Friday, November 22, 2024
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बड़थ्वाल कुटुंब ने स्थापना दिवस पर किया उत्तराखंड़ी प्रतिभाओं को सम्मानित

“भीष्म कुकरेती, डा. दयाल सिंह पंवार, अंकिता ध्यानी और जगदीश बाबला को किया गया सम्मानित”

नई दिल्ली/देहरादून, पर्वतीय सरोकार को समर्पित संस्था बड़थ्वाल कुटुंब ने अपना स्थापना दिवस धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया, नई दिल्ली के पंचकुइयां में स्थित गढ़वाल भवन में राज्यसभा सांसद रहे तरुण विजय, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित अन्य गणमान्य विभूतियों ने मुख्य समारोह की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम का श्रीगणेश मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। मंच पर संस्थापक महासचिव प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, उपाध्यक्ष हरीश बड़थ्वाल ,अध्यक्ष राज कुमार बड़थ्वाल व कुटुंब का गौरव पद्मश्री डॉ. माधुरी बड़थ्वाल का परिचय व स्वागत कुटुंब द्वारा किया गया। कुटुंब के महासचिव प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ने बड़थ्वाल कुटुंब की स्थापना कि सोच, विगत तीन वर्षों के कार्यकलापों, उद्देश्यों और भावी योजनाओं का उल्लेख गढ़वाली भाषा में किया।
पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड़ तीरथ सिंह रावत ने सामुदायिक सद्भाव और बंधुत्व पुख्ता करने की दिशा में बड़थ्वाल कुटुंब की पहल की सराहना और विशेषताओं का उल्लेख कर समाज को इससे प्रेरणा लेने की बात की। उन्होंने कहा कि कुटुंब के इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर वे गदगद और भावुक भी है और बड़थ्वाल कुटुंब को शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर श्री तरुण विजय ने कुटुंब की एकजुटता और विरासती मूल्यों को सवंर्धित करने की मुक्तकंठ से सराहना की। मानव जाति के विकास बल्कि अस्तित्व के लिए सुदृढ़ परिवार की भूमिका को रेखांकित करते हुए तरुण विजय जी ने बड़थ्वाल कुटुंब को आदर्श बताया।
उत्तराखंडी लोक साहित्य और संस्कृति के संवर्धन की कड़ी में बड़थ्वाल कुटुंब बड़थ्वाल बंधुओं तथा अन्य उत्तराखंड़ी प्रतिभाओं को प्रतिवर्ष सम्मानित करता है। आज के स्थापना दिवस समारोह में वर्ष 2024 के बड़थ्वाल कुटुंब गौरव सम्मान पांच प्रतिभाओं मोहित बड़थ्वाल, मीनाक्षी बड़थ्वाल आचार्य, पम्मी बड़थ्वाल, दिनेश बड़थ्वाल और रश्मि बड़थ्वाल को विभिन्न क्षेत्रों में उनके विशिष्ट योगदान स्वरूप प्रदान किया गया। इस मौके पर राजेन्द्र एम बड़थ्वाल को स्नेह सम्मान भी कुटुंब द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उत्तराखंड सम्मान श्रेणी में साहित्य के लिए पीतांबर दत्त बड़थ्वाल सम्मान से से भीष्म कुकरेती को तथा पंड़ित मुकुंद दैवज्ञ सम्मान से डा. दयाल सिंह पंवार को नवाजा गया। वहीं उत्तराखंड विभूति सम्मान अंकिता ध्यानी (खेल) तथा जगदीश बाबला (पर्यावरण प्रेमी) और उत्तराखंड लोक संस्कृति सम्मान आचार्य कृष्णानंद नौटियाल को प्रदान किया गया।

मेधावी छात्र प्रोत्साहन कार्यक्रम में इस वर्ष उच्च प्राप्तांकों के लिए 12वीं बोर्ड के पांच छात्रों दीपांशु बड़थ्वाल, आर्यन बड़थ्वाल, आयुष महेश बड़थ्वाल, स्वाति बड़थ्वाल, संध्या बड़थ्वाल तथा 10वीं बोर्ड के तीन छात्रों आदित्य बड़थ्वाल, देव बड़थ्वाल और निश्चय बड़थ्वाल को पुरस्कृत किया गया। सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र दिए गए।

ढ़ोल दमाओ और लोक संगीत की मनभावन प्रस्तुतियों से पांच घंटे चले स्थापना समारोह के कार्यक्रम में उपस्थित संभागियों भावविभोर हो गए दिखे। इस अवसर पर डा. माधुरी बड़थ्वाल और पं. कृष्णानंद नौटियाल ने अपने विचार रखे।

अध्यक्षीय संबोधन में कुटुंब के अध्यक्ष राजकुमार बड़थ्वाल ने बताया कि जहां सम्मान प्राप्त विभूतियों को असाधारण योगदान की प्रशस्ति मिलती है वहीं अन्य व्यक्ति बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित होते हैं। कुटुंब की गतिविधियों को व्यापक तथा समावेशी बनाने की दृष्टि से उन्होंने छात्रों के लिए हालिया संचालित कैरियर गाइडेंस सत्र तथा रेडक्रास सोसाइटी के सहयोग से संपन्न रक्तदान शिविर की जानकारी दी।

कार्यक्रम में बच्चों द्वारा शानदार प्रस्तुतियाँ दी गई। गढ़वाली काव्य पाठ में गढ़वाली भाषा के वरिष्ठ कविजन व साहित्यकार श्री रमेश चंद्र घिल्डियाल, श्री जयपाल सिंह रावत, श्री जबर सिंह कैन्थुरा श्री जगमोहन सिंह जगमोरा (प्रथम गढ़वाली पजलकार), सुश्री अंजली भण्डारी व श्री दिनेश ध्यानी ( काव्यपाठ मंच संचालन) जी ने श्रोताओं को मन मोह लिया। बड़थ्वाल कुटुंब द्वारा उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच दिल्ली, व गढ़वाल हितैषिणी सभा, नई दिल्ली को सहयोग सम्मान भी दिया गया। करीब छह घंटे चले इस कार्यक्रम का शानदार संचालन पंकज बड़थ्वाल व योगिता बड़थ्वाल ने संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या कुटुंब परिवार के सदस्य मौजूद रहे।

 

‘तीज महोत्सव’ महिलाओं के सौंदर्य, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है : प्रथम महिला

देहरादून, मंगलवार को राजभवन में भारतीय संस्कृति की प्राचीन त्योहारों में से एक ‘‘हरियाली तीज’’ के पावन अवसर पर राजभवन में कार्यरत महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों व अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पत्नियों ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर पारंपरिक तीज उत्सव की महत्ता और भारतीय संस्कृति में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई, जिसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। नृत्य और संगीत के माध्यम से कलाकारों ने तीज के त्योहार का जीवंत चित्रण किया। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर ने कहा कि तीज महोत्सव महिलाओं के सौंदर्य, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। यह हमें भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता की याद दिलाता है।
यह हमें भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता की याद दिलाता है। उन्होंने उपस्थित सभी महिलाओं को तीज की शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के माध्यम से सभी के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम के समापन पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर ने सभी का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए आयोजकों की सराहना की।
उन्होंने उपस्थित सभी महिलाओं को तीज की शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के माध्यम से सभी के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम के समापन पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर ने सभी का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तीज प्रतियोगिता में श्रीमती संतोषी तीज क्वीन बनी। दूसरे स्थान पर श्रीमती सोनिया एवं तीसरे स्थान पर श्रीमती मीनाक्षी पंवार रहीं। इस अवसर पर विजेता महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
इस कार्यक्रम में आई.जी. श्रीमती विम्मी सचदेवा रमन, अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ0 तृप्ति श्रीवास्तव सहित राजभवन परिवार की महिलाओं ने प्रतिभाग किया।

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