Sunday, November 24, 2024
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संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि के साथ ही चयन प्रक्रिया का हुआ निर्धारण

“कान्ट्रेक्ट प्रशिक्षिकों का चयन/ कान्ट्रेक्ट होगा 03 वर्ष के लिए, एक माह का दिया जाएगा ब्रेक”

देहरादून, खेल विभाग के अन्तर्गत विभिन्न खेल विधाओं में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने हेतु संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि एवं चयन प्रक्रिया के निर्धारण हेतु शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने मुख्यमंत्री को इस निमित्त धन्यवाद ज्ञापित किया। खेल विभाग द्वारा राज्य के लगभग सभी जनपदों में विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने हेतु कान्ट्रेक्ट प्रशिक्षकों की तैनाती की जाती रही है। पूर्व में कान्ट्रेक्ट प्रशिक्षकों को विभाग द्वारा एक नियत मासिक मानदेय पर एक वर्ष हेतु तैनात किया जाता था नवीन शासनादेश में उक्त अवधि को बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। पूर्व में संविदा खेल प्रशिक्षकों को 06 श्रेणियों में क्रमशः रु० 12,000.00, रु० 15,000.00, रु० 20,000.00, रु0 25,000.00, रु० 35,000.00 एवं रु0 45,000.00 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था नवीन शासनादेश में 06 श्रेणियों को कम करते हुए 03 श्रेणियां बनाई गई हैं तथा कई श्रेणियों के मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए क्रमशः रु० 25000.00, रु0 35000.00 एवं रु0 45000.00 कर दिया गया है।
उक्त खेल प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न खेलों में वर्षभर खिलाड़ियों हेतु कोचिंग के साथ-साथ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जायेंगे और राज्य की प्रतिभाओं को निखार कर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा।
इस शासनादेश में चयनित होने वाले प्रशिक्षक ने यदि एनआईएस पटियाला अथवा इससे सम्बद्ध अन्य संस्थान अथवा लक्ष्मीबाई नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फिजीकल एजुकेशन, ग्वालियर/अन्य विश्विद्यालय से नियमित कोर्स को पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजीडीएससी) डिग्रीधारी / डिप्लोमाधारी प्रशिक्षकों अथवा ओलम्पिक गेम्स/वर्ल्ड कप/वर्ल्ड चैंपियनशिप / कॉमनवेल्थ गेम्स/एशियाई गेम्स/सैफ गेम्स/एफो एशियन गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ी होने के दशा में रु0 45000.00 प्रतिमाह मानदेय, अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एशियन चैंपियनशिप / सैफ चैंपियनशिप / कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप / वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स/वर्ल्ड पुलिस गेम्स / वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभाग खिलाड़ी अथवा राष्ट्रीय खेल/सीनियर नेशनल में पदक प्राप्त कर चुके खिलाड़ी होने की दशा में रु0 35000.00 तथा सीनियर नेशनल में प्रतिभाग/ऑल इण्डिया इन्टरयूनिवर्सिटी गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभाग खिलाड़ी/सीनियर नॉर्थ जोन प्रतियोगिता में पदक विजेता / प्रतिभाग / जूनियर / कैडेट / सब जूनियर नेशनल में पदक/ स्कूल नेशनल गेम्स में पदक/भारतीय सेना में सर्विसेज में पदक/अखिल भारतीय पुलिस गेम्स में पदक/एन.आई.एस. पटियाला अथवा इससे सम्बद्ध संस्थान अथवा अन्य विश्विद्यालय से छः माह को सर्टिफिकेट कोर्स इन स्पोर्टस कोचिंग होने की दशा में रु0 25000.00 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि होने से खिलाड़ियों की संख्या एवं प्रशिक्षण में अधिकाधिक बढ़ोतरी होगी और उत्तराखण्ड के खिलाड़ी खेलों के माध्यम से एक उज्जवल भविष्य की तैयारी कर सकेंगे। साथ ही खेल मंत्री ने कहा कि आज इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है ।इससे अब निश्चित रूप से हमारे खिलाडियों को प्रशिक्षण देने वाले संविदा पर काम करने वाले कोच अब दुगने उत्साह के साथ काम करेंगे।प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि होने से खिलाड़ियों की संख्या एवं प्रशिक्षण में अधिकाधिक बढ़ोतरी होगी और उत्तराखण्ड के खिलाड़ी खेलों के माध्यम से एक उज्जवल भविष्य की तैयारी कर सकेंगे। कहा कि खेल को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिस प्रकार उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है हमारी कोशिश है कि हम इसे खेल भूमि के रूप में विकसित करें जिस और राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।

 

भारी बारिश के कारण राज्य में 97 पुल संवेदनशील, तीन सौ से ज्यादा सड़कें बाधित

देहरादून, उत्तराखंड़ में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद कुमाऊं के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। पुल टूट रहे हैं, सड़कें अवरोध हो गई हैं, नदी नाले उफान पर हैं।
वहीं मीडिया से बातचीत में पीडब्लूडी सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने बताया की रामनगर में मोहान में जो पुल टूटा है उसकी जानकारी ली गई है। अत्यधिक पानी और मलबे के आने से पुल टूट गया। पुल को पहले भी रिपेयर कराया गया था। हालांकि संवेदनशील नहीं था नहीं तो हम उसे पहले ही बंद करवा देते। रास्ते का वैकल्पिक मार्ग बनाया जा रहा है। डॉ. पंकज पांडेय ने जानकारी दी की उत्तराखण्ड शासन ने कहीं भी पुल क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए बैली ब्रिज के लिए भी व्यवस्था की है।
कुमाऊं क्षेत्र के 10 करोड़ से ज्यादा के बैली ब्रिज शासन ने खरीदे हैं । कोटद्वार में पिछले साल क्षतिग्रस्त हुए मालन नदी पुल को रिपेयर किया जा रहा है और इस साल बारिश में क्षतिग्रस्त वैकल्पिक मार्ग को भी बनाया जा रहा है। अन्यपुलों को बनाने में 1 साल का समय लग सकता है। डॉ. पांडेय ने जानकारी दी की उत्तराखण्ड में 97 संवेदनशील पुल हैं जिनमें 84 की मरम्मत करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। बाकी पुलों की जांच की जा रही और ज़रूरत के अनुसार बंद भी किया गया है।
सचिव पंकज पांडेय ने जानकारी दी उत्तराखण्ड में 200 से ज्यादा लैंडस्लाइड जोन घोषित किये गए हैं। इसके इलावा क्लाउड बर्स्ट और लैंडस्लाइड की वजह से सड़कें बह जाती हैं उनको रिपेयर या नई सड़क बनाई जाती है। आपको बता दें पीडब्लूडी के डेटा अनुसार अब तक 300 से ज्यादा सड़कें बाधित हो चुकी है जिन्हे तेजी से खोला जा रहा है। अलग-अलग स्थानों पर 450 जेसीबी लगाई गईं हैं।

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