देहरादून, प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। बता दें वर्ष 2023 के लिए 17 शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इसमें प्रारंभिक शिक्षा के 11, माध्यमिक शिक्षा के पांच और प्रशिक्षण संस्थान से 1 शिक्षक शामिल है।
इन शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित :
शिक्षा सचिव रविनाथ रामन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी जिले के राउप्रावि नगर क्षेत्र कोटद्वार के प्रधानाध्यापक नफीस अहमद, चमोली जिले की राउप्रावि वीणा की कुसुमलता गड़िया, उत्तरकाशी जिले के प्राथमिक विद्यालय वीरपुर डुंडा की कुसुम चौहान, देहरादून जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भूड़पुर सहसपुर की सुमन चमोली।
टिहरी के प्राथमिक विद्यालय तपोवन नरेंद्रनगर की कंचन बाला, रुद्रप्रयाग जिले के प्राथमिक विद्यालय जाबरी अगस्त्यमुनि की अरुणा नौटियाल, चंपावत के प्राथमिक विद्यालय गागर पाटी के खड़क सिंह बोरा, बागेश्वर जिले के जूनियर हाईस्कूल करुली के नरेंद्र गिरी, नैनीताल के प्राथमिक विद्यालय नाईसेला भीमताल की डाॅ. भावना पलड़िया।
जबकि पिथौरागढ़ जिले के प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी मूनाकोट के चंद्रशेखर जोशी एवं अल्मोड़ा जिले के प्राथमिक विद्यालय चिलियानौला ताड़ीखेत के राम सिंह को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा में इस पुरस्कार के लिए जीआईसी सेंधीखाल पौड़ी के दौलत सिंह गुसांई, जीआईसी कासमपुर बहादराबाद हरिद्वार के राजेंद्र कुमार, राउमावि महरागांव भीमताल जिला नैनीताल के डाॅ. प्रदीप कुमार उपाध्याय, जीआईसी लोहाघाट चंपावत के श्याम दत्त चौबे एवं जीआईसी दिनेशपुर जिला ऊधमसिंह नगर के प्रधानाचार्य डाॅ. मधुसुदन मिश्र का चयन किया गया है, जबकि प्रशिक्षण संस्थान से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव जिला पौड़ी से डाॅ. नारायण प्रसाद उनियाल को पुरस्कृत किया जाएगा।
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए शिक्षकों को इस पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है। पुरस्कृत शिक्षकों को उनके चाहने पर दो साल का सेवा विस्तार मिलता है। इसके अलावा पुरस्कार की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
कब हुई पुरस्कार की शुरुआत :
शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार, की शुरुआत 2009 में की गई थी। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार शिक्षकों को दिया जाने वाला पुरस्कार है। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया, विद्यालयों में संसाधन विकास, छात्रहित में किये जाने वाले अभिनव क्रियाकलापों, सामुदायिक सहभागिता में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करने, समग्र रूप में कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक की भूमिका निर्वहन करने तथा समाज के मध्य आदर्श शिक्षक का कार्य करने वाले शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
आक्रोशित हैं उपनल कर्मचारी, करेंगे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव
देहरादून, सहस्त्रधारा रोड़ स्थित धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर उपनल कार्मिकों का धरना प्रदर्शन जारी है, आज उपनल संयुक्त मोर्चे के धरने का चौथा दिन रहा, जिसमें पूरे 13 जिलों के भिन्न-भिन्न विभागों से कर्मचारियों ने प्रतिभा किया | धरना स्थल पर प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कहा गया सितंबर में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा घेराव का कार्यक्रम उपनल कार्मिकों द्वारा किया गया था, जिस पर विधानसभा में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी के साथ भेंट हुई थी और उनके द्वारा कहा गया था न्याय कार्मिक वित्तीय आदि विभागों के साथ बैठक कर आपकी मांग बिंदुओं पर चर्चा कर समाधान किया जाएगा, लेकिन दिसंबर माह तक भी कर्मचारियों की कोई सरकार द्वारा कोई भी मांग पूरी नहीं की गई | जिससे उपनल कर्मचारियों कर्मचारियों में भारी आक्रोश है | प्रदेश कार्यकारिणी उपनल संयुक्त समिति द्वारा यह घोषणा की गई और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की इस उदासीनता को देखते हुए आक्रोशित हैं और वह सभी परेड ग्राउंड में इकठ्ठा होकर शुक्रवार 16 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे से सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव करेंगे, वहीं संयोजक विनोद गोदियाल द्वारा कहा गया सरकार यदि हमारी बातों पर गंभीरता से नहीं लगी तो हम सभी लोग धर्म परिवर्तन करने के लिए भी बाध्य होंगे |
इस अवसर पर विनय प्रसाद, विजय राम खनक्रियाल, महेश भट्ट, राकेश राणा, जयदेव उनियाल, मुकेश रावत, पंकज पांडे, जगदीश पंवार, श्रीमती मिनारत्न श्रीमती कल्पना श्रीमती राजकुमारी श्रीमती ज्योति सिंह श्रीमती नीतू आदि उपस्थित थे |
खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने साबुन की हो रही खूब डिमांड
औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है : शुभिता
देहरादून, खादी और ग्रामोद्योग आयोग सूक्ष्म एवं लघु मध्यम मंत्रालय द्वारा राज्य स्तरीय खाद्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, उत्तराखण्ड़ की राजधानी दून के रेसकोर्स स्थित गुरुनानक नानक पब्लिक इंटर कॉलेज में आयोजित इस खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने उत्पाद धूम मचा रहे हैं। प्रदर्शनी देखने आ रहे लोग बकरी के दूध से बने साबुन की काफी खरीदारी कर रहे हैं। इस
प्रदर्शनी में लगभग 70 स्टॉल लगे हैं जिनमें अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि अपने यहां के खास उत्पाद लेकर आये हैं। खादी महोत्सव में उमड़ रही भीड़ स्थानीय उत्पादों के साथ ही अन्य राज्यों के उत्पादों को खरीदने में भी काफी रूचि दिखा रहे हैं।
महोत्सव में स्किन केयर के उत्पादों का स्टॉल लगाने वाली शुभिता का कहना है कि जिस तरह से औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है उसी तरह से उनका प्रयोग त्वचा के लिए वरदान साबित होता है। कहा कि बकरी का दूध पीने के लिए जितना स्वास्थ्यवर्धक होता है उतना ही अच्छा बकरी के दूध से बना साबुन त्वचा के लिए होता है। शुभिता का कहना है कि मात्र 10 हजार रूपये से उन्होंने स्किन केयर ऑफ वैलनेस नाम से स्टार्टअप शुरू किया था और आज अच्छी-खासी आमदनी होती है। आज उनके उत्पाद काफी पसंद किया जा रहे हैं। बकरी के दूध से बने साबुन को एक नवजात शिशु से लेकर बड़े लोग तक प्रयोग कर सकते हैं। साबुन में किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
वहीं मेले में लगे अन्य स्टॉलों में पहाड़ी दालों की भी लोग खरीदारी कर रहे हैं। अन्य राज्यों के लगे स्टालों में सूट, कश्मीरी शॉल भी खरीदे जा रहे हैं। खादी महोत्सव में विनोद खंडूरी सांसद प्रतिनिधि एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना उत्तराखण्ड इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के.एस. मलिक सांस्कृतिक संध्या के दौरान प्रयास जागरुकता मंच ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। प्रयास जागरुकता मंच ने नाटक की प्रस्तुति के जरिए शहरी और ग्रामीण रोजगार योजना के बारे में मेले में मौजूद लोगों को जानकारी दी और उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रयास जागरुकता मंच के विशाल, सावन, गायत्री टम्टा, अंशिका जैन, जसपाल, नीतीश, ऋतुराज, राकेश, शिवम कंबोज और कुणाल ने नाटक में अभिनय किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गढ़वाली गायक जसपाल और संदीप रावत के गीतों पर लोग जमकर झूमे।
इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के. एस. मलिक और उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मध्य क्षेत्र यशपाल सिंह सहित खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जेल में बने उत्पाद कर रहे लोगों को आकर्षित :
राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी के दूसरे दिन जेल के बन्दियों द्वारा बनाये गए कालीन और लकड़ी रैक, अलमारी की खासी बिक्री हुई। मेले में लगे स्टॉल पर पहाड़ों में बनने वाले कालीन भी उपलब्ध है जो अब जेल में बंदियों द्वारा भी बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही कई आकार के आसन भी सस्ते दामों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। घरों में सेंटर टेबल या कहीं भी डालने के लिए हर साइज़ की कालीन और आसन यहां पर हैं। इसके अलावा फर्नीचर में यह लकड़ी की अलमारी है जिसे शूज रैक या बुक रैक के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
प्रदर्शनी में क्वायर बोर्ड के स्टॉल पर गद्दे और तकियों की भी खरीदारी लोग कर रहे हैं। साथ ही गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग कोकोपिट और ऑर्गेनिक खाद भी खरीद के ले जा रहे हैं। वहीं आद्या ऑर्गेनिक के स्टॉल पर आटे और मैदे से बने कुकीज़ भी उपलब्ध है। सत्तू, शहद सहित अन्य ऑर्गेनिक सामान भी बिक्री के लिए रखा गया है।
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