मसूरी। पितरों के प्रति उत्तराखण्ड की अनोखी परम्परा पर बनी गढ़वाली फ़ीचर फ़िल्म पितृकुड़ा आगामी 2 फरवरी को रिलीज होगी। फिल्म का मसूरी में ऑफिशियल पोस्टर लांच किया गया।
इस अवसर पर फिल्म के निर्देशक प्रदीप भण्डारी ने बताया कि केदारखण्ड क्षेत्र की अद्वतीय परम्परा पितृकुड़ा लिंगवास पर बनी यह फिल्म एक पारिवारिक फिल्म है जो परिवार के भावानात्मक रिश्तों पर बनी है। सिल्वर स्क्रीन पर पहली बार लोगों को पितृकुड़ा संस्कार के रूप में प्रदेश की अद्भुत संस्कृति के दर्शन होंगे। फिल्म में जर्बदस्त एक्शन थ्रिलर, रोमांच , हास्य और मधुर गीत संगीत है। फ़िल्म प्रत्येक उम्र के दर्शक को मंत्रमुग्ध करेगी। उन्होंने बताया कि पितृकुड़ा उत्तराखण्ड की ऐसी पहली फिल्म है जो दादा दादी और पोता पोती के गहरे प्रेम को दर्शाएगी। फिल्म भारतीयों और नेपालियों के सदियों पुराने मैत्रिक रिश्तों को भी दर्शाती है।
जिसमें नेपाली व्यक्ति का रहस्यमयी किरदार दर्शकों को बहुत रोमांचित करेगा। फिल्म में प्रतिभावान स्टारकास्ट के अलावा, लोकशन और बैक ग्राउण्ड म्युजिक तथा गीत संगीत श्रेष्ट और कर्णप्रिय रखा गया है। फिल्म की शूटिंग मसूरी, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, चोपता आदि रमणीक स्थलों पर हुई है। भण्डारी ने आंचलिक संस्कृति और सिनेमा को सबल बनाने के लिए उत्तराखण्ड से जनमानस से फिल्म पितृकुड़ा के प्रचार प्रसार से लेकर फिल्म देखने की अपील की है। इस अवसर पर फिल्म की सह निर्मात्री कमलेश भण्डारी भी मौजूद रही। पर्वतीय बिगुल फिल्म्स के बैनर पर बनी फिल्म पितृकुड़ा के लेखक एवं निर्देशक प्रदीप भण्डारी हैं, तथा डीओपी एवं एडीटर नागेन्द्र प्रसाद एवं सहायक निर्देशक विजय भारती हैं। फिल्म का बैक ग्राउण्ड म्युजिक, डबिंग और फॉली युवा संगीतकार आशीष पन्त एवं साथियों ने तैयार किया है। फिल्म बनने में 2 साल से अधिक का समय लगा है। फिल्म के मुख्य कलाकारों में हैं राजेश जोशी, पदम गुसांई, प्रदीप भण्डारी, शुभ चन्द्रा, शिवानी भण्डारी, सुषमा व्यास, कोमल नेगी राणा, आयुषी जुयाल, बीनीता नेगी, अनामिका राज, गोकुल पंवार, गम्भीर जयाड़ा, बृजेश भट्ट, रवि नेगी, दीपक रावत, शिव कुमार, आरपी बडोनी आदि हैं। फिल्म के गीतों को तीन प्रमुख संगीतकारों ने संगीत दिया है जिनमें संजय कुमोला, अमित वी. कपूर, सुमित गुसांई। जबकि गीतों को जितेन्द्र पंवार, पदम गुसांई, संजय कुमोला, प्रीती काला, प्रेरणा भण्डारी नेगी, रवि गुसांई और राजलक्ष्मी ने अपने स्वरों से सजाया है।
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