पिथौरागढ़(आरएनएस)। ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने प्रदेश सरकार के पिथौरागढ़ के 24 गांवों को प्राधिकरण में शामिल करने के फैसले को लेकर आक्रोश जताया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने पहाड़ी जिलों से जिला विकास प्राधिकरण को हटाने की मांग की है। शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय में प्राधिकरण के विरोध में जन संघर्ष सेना के सदस्यों ने पत्रकार वार्ता की। ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने कहा कि सरकार नगर के पास से लगे गांव में पानी,सड़क,स्वास्थ जैसी मूलभूत सुविधाएं तो नहीं दे पा रही हैं। जनता का शोषण करने,आर्थिक बोझ बढ़ाने के लिए प्राधिकरण को लागू किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के मैदानी शहरों से तुलना कर पहाड़ों में भी नियमों थोपना गलत है । पहाड़ों की वास्तविक स्थिति काफी अलग है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व जन संघर्ष सेना के सदस्य ऋषेंद्र महर ने कहा कि प्राधिकरण को पहाडी जनपदों में लागू करना गलत है। प्राधिकरण के नुकसान व फायदे को लेकर गांव-गांव जाकर अपील की जाएगी। अपील के बाद प्रधान,उप प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य,पूर्व प्रधानों व विभिन्न संगठनों को जोडकर महाहस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। नगर के वार्डों में जाकर प्राधिकरण के नियमों से परेशान लोगों से वार्ता की जाएगी। सरकार के फैसला वापस न लेने पर महापंचायत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
ये रहे शमिल: ग्राम प्रधान किशन धामी,क्षेत्र पंचायत सदस्य अक्षय कुमार, महिपाल वल्दिया,सुंदर प्रसाद,मनोज सिंह,रजत उप्रेती,आनंद धामी,प्रकाश देवली,निखिल ऐरी,महेंद्र प्रसाद ।
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