Sunday, November 24, 2024
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दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है : राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु

-गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्व विद्यालय पंतनगर के 35वां दीक्षांत समारोह

-देश का प्रथम कृषि विश्व विद्यालय पंतनगर शुरूआत से ही कृषि, अनुसंधान, प्रसार के लिए उत्कृष्टता का केन्द्र बना हुआ है : राष्ट्रपति

रुद्रपुर (उधमसिंह नगर), राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने मंगलवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्व विद्यालय पंतनगर के 35वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।उन्होंने कहा कि समारोह में उपाधि धारक लड़कियों की संख्या अधिक है, यह ट्रेंड अन्य संस्थानों में भी दिखाई दे रहा है। सभी जगह बेटिया अच्छा कर रही है। बेटियों को विशेष उपलब्धि पर बधाई।
विश्विद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित प्रांगण में आयोजित इस समारोह में उत्तराखण्ड़ के राज्यपाल एवं कुलाधिपति ले. जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री उत्तराखण्ड़ गणेश जोशी भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि आज पदक प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या ज्यादा थी। उन्होंने कहा राष्ट्रपति होने के नाते 50 से अधिक विश्वविद्यालयों के समारोह में शामिल हो चुकी है और वहां भी छात्राओं ने सफलता का परचम लहराया हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। जहां इस दिन विद्यार्थियों के परिवार के सदस्य एवं शिक्षक गर्व का अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा कि देश का प्रथम कृषि विश्व विद्यालय पंतनगर शुरूआत से ही कृषि, अनुसंधान, प्रसार के लिए उत्कृष्टता का केन्द्र बना हुआ है। पन्तनगर विश्वविद्यालय का बीज ‘पन्तनगर बीज’ के नाम से विश्व में विख्यात है,जिस पर किसान आंख बंद कर विश्वास करते है। उन्होंने कहा कि विश्व विद्यालय ने विभिन्न फसलों, फलों और सब्जियों के कुल 346 उन्नत किस्मों को प्रस्तुत किया है और दो नस्लों का विकास किया हैै। इस वर्ष दलहनी फसलों में विश्वविद्यालय द्वारा 7 प्रजातियां विकसित की गयी है।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मना रहा है। उत्तराखण्ड मोटे अनाज के उत्पादन में अग्रणी राज्य है। देश में हरित क्रांति लाने में पन्तनगर विष्वविद्यालय का विशेष योगदान रहा है, जिसके फलस्वरूप देश फूड ग्रेन उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भर बना है, बल्कि आज हम कृषि उपज के प्रमुख निर्यातकों में से एक हैं। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं, शिक्षको और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि सभी विद्यार्थी भारत जैसे विविधतापूर्ण एवं गतिषील देष, की विरासत को और अधिक समृद्ध तथा भविष्य को और अधिक सशक्त बनाने में अपना योगदान देंगे।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल एक समारोह मात्र नहीं है, बल्कि यह आपकी उपलब्धियों, ज्ञान और उत्कृष्टता को प्राप्त करने के दृढ़ निष्चय का उत्सव भी है।शिक्षा केवल डिग्री ले लेना ही नहीं हैं, बल्कि यह आत्म ज्ञान की प्राप्ति,सशक्तिकरण एवं परिवर्तन का माध्यम भी है। शिक्षा आपके जीवनयापन का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह देश के कल्याण के लिए जरूरी है। दीक्षांत समारोह में 1041 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की गयी।
इस अवसर पर सर्वोत्तम स्नातक विद्यार्थी नेहा बिष्ट को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 11 विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण पदक, 11 विद्यार्थियों कुलपति रजत पदक एवं 10 विद्यार्थियों को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए एक-एक विद्यार्थी को सरस्वती पांडा अवार्ड, श्रीमती नागम्मा शान्ताबाई अवार्ड, डा. राम षिरोमणि तिवारी अवार्ड, चैधरी चरण सिंह मैमोरियल इंटेलेकच्यूअल अवार्ड पूरण आनन्द अदलखा अवार्ड एवं भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त अवार्ड से विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया ।इसके अलावा दो विद्यार्थियों को भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। कुलसचिव, डा. के.पी. रावेरकर ने समारोह का संचालन किया |

 

सबसे पहले अर्ध सैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाली हो, श्रीनगर के रामलीला मैदान से पुरानी पेंशन बहाली की मांग

श्रीनगर गढ़वाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने सर्वप्रथम अर्ध सैनिक बलों की हूबहू पेंशन बहाली की मांग की और सभी राजनीतिक दलों को स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि आगामी चुनावों में पुरानी पेंशन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा और कर्मचारी अपने हित के राजनैतिक दल को चुनेंगे। चन्द्रहास सिंह ने कहा कि अब पुरानी पेंशन का फैसला वोट की चोट तय करेगी।
वक्ताओं में करन मेहरा ने पुरानी पेंशन बहाली को अपने संकल्प को दोहराया। नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक कर्मचारी और उनके परिवारिक जन अपने हितों की रक्षा हेतु वोट पफार ओपीएस चला रहे हैं। प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते पुरानी पेंशन बहाली नहीं हुई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और शिक्षक कर्मचारी अपने हित की सरकार बनायेंगे।
उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से शिक्षक कर्मचारी श्रीनगर गढ़वाल रामलीला मैदान में पहुंचे और पुरानी पेंशन बहाली की मांग की सभी शिक्षक, कर्मचारियों और अधिकारियों ने विजय बंधु के आंदोलनों में प्रतिभाग करने के लिए अपना संकल्प दोहराया।
श्रीनगर पेंशन समागम महारैली की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, विशिष्ट अतिथि चन्द्रहास सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अतिथि नीरजपति त्रिपाठी महासचिव अटेवा उत्तर प्रदेश रहें। आंदोलन को समर्थन देने के लिए मंच पर प्रदेश कांग्रेस उत्तराखंड के अध्यक्ष करन मेहरा और उत्तराखंड क्रांति दल के मोहित डिमरी पहुंचे।
इस अवसर पर देवेन्द्र फर्स्वाण, विकास शर्मा, शांतुन शर्मा, हर्षवर्धन जमलोकी, जगमोहन सिंह रावत, सूर्य सिंह पंवार, सुनील गुसाई, हेमलता कजालिया, रूचि पैन्यूली, सदाशिव, मदन बर्तवाल, चन्द्र मोहन नेगी, प्रीतम बर्तवाल, सुनील सिंह,मोहन सिंह, राजेन्द्र सिंह रावत मेजर, जयप्रकाश डिमरी, किशोर जोशी आदि भारी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।

 

कृषक महोत्सव रबी के शुभारंभ अवसर पर रथों को हरी झंडी दिखाकर कृषि मंत्री ने किया रवाना

देहरादून, सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वीरवार को देहरादून के ग्राम पंचायत हरिवालाखुर्द के जैंतनवाला में “सरकार किसान के द्वार ” के अन्तर्गत कृषि एवं रेखीय विभागों द्वारा आयोजित कृषक महोत्सव रबी – 2023 का शुभारंभ किया। मंत्री गणेश जोशी ने 07 कृषि रथों को जनपद देहरादून के 40 न्याय पंचायतों तक विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी किसानों पहुंचने वाले कृषि रथों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रबी कृषक महोत्सव का आयोजन प्रदेश के समस्त 13 जनपदो में आज 02 नवम्बर से 08 नवम्बर तक सभी 670 न्याय पंचायतो पर 107 कृषि रथों के द्वारा सरकार किसान के द्वार कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश के आर्थिक विकास एवं उन्नति में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और हमारे किसान भाईयों एवं बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कृषि के विकास के लिए तथा कृषि को सुविधाजनक बनाने कि लिए इस प्रदेश में प्रदेश सरकार के द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से कृषि से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। जिससे किसान भाई लाभान्वित होने के साथ-साथ कृषि में भी विकास कर रहे है। कृषक महोत्सव के माध्यम से कृषि एवं रेखीय विभाग कृषकों तक पहुँचकर उनको विभागीय योजनाओ की जानकारी उपलब्ध करायेंगे तथा कृषको की समस्याओ का समाधान भी करेंगे। साथ ही इसके माध्यम से आवश्यक कृषि निवेशे की आपूर्ति भी की जायेगी और कृषक वैज्ञानिक संवाद का मौका भी मिलेगा।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय में प्रदेश के कुल कृषियोग्य भूमि 7.70 लाख है० थी जिस पर खाद्यान्न उत्पादन 16.47 लाख मै0टन था। वर्तमान में कृषि योग्य भूमि घटकर 6.21 लाख है० हो गयी है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 19.23 लाख मै0टन हो गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि हमारे कृषि वैज्ञानिकों, कृषकों एवं विभाग द्वारा खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में सराहानीय प्रयास किये गये है। जिस हेतु भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को वर्ष 2017-18 के लिये कुल खाद्यान्न उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ राज्य का कृषि कर्मण पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2025-26 में प्रदेश को 22.59 लाख मै0टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी और मुझे उम्मीद है कि उक्त आवश्यकता की पूर्ति हेतु विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रयास किये जायेगें।
मंत्री ने कहा वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक 3050 फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये गये। वर्ष 2030 तक पर्वतीय क्षेत्रों की समस्त ग्राम पंचायतों (6787) में फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किये जायेगें। प्रदेश सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन मे सम्मिलित करने हेतु रू0 73.16 करोड धनराशि की स्टेट मिलेट मिशन को वर्ष 2023–24 से वर्ष 2027–28 तक संचालन किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। मिशन अन्तर्गत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा एवं सॉवा का क्रय सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया गया है, तथा कृषको को कलैक्शन सेन्टर पर मण्डुवा अन्तः ग्रहण कराने पर रु० 150.00 प्रति कु0 प्रोत्साहन धनराशि भी दी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 16500 मै0टन मण्डुवा फसल का कृषकों से अन्तःग्रहण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग 2.23 लाख है० भूमि पर जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है,जिसके अन्तर्गत प्रदेश के परम्परागत फसलों जैसे मण्डुवा, सांवा, भट्ट, गुड, बासमती चावल आदि का उत्पादन कराया जा रहा है जिसका विपणन “आर्गेनिक उत्तराखण्ड ” एवं ” नमामि गंगे’ ब्रान्ड के अन्तर्गत किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा 6400 है0 भूमि पर ‘प्राकृतिक खेती’ की योजना चलाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है, तथा राज्य सरकार द्वारा गंगा कॉरिडोर में 1950 है0 भूमि पर प्राकृतिक खेती का संचालन किया जायेगा। केन्द्र के तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा भी राज्य में “मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना” प्रारम्भ की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित किया जा सके। उन्होंने कहा शीघ्र ही गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” प्रारम्भ की जा रही है। मंत्री ने भोरसा जताते हुए कहा कि भारत सरकार के सहयोग तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों से कृषकों की आर्थिकी मे सुधार होगा।

इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि के.सी.पाठक, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा मातवर सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान सागर सिंह, नैन सिंह पंवार, संध्या थापा, लीला शर्मा, प्रेम सिंह पंवार, निर्मला थापा, गिरीश उनियाल सहित कृषि विभाग के अधिकारी व हजारो किसान उपस्थित रहे।

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