Tuesday, November 26, 2024
HomeStatesUttarakhandकन्या पूजन से मां भगवती होती है प्रसन्न-शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम

कन्या पूजन से मां भगवती होती है प्रसन्न-शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम

हरिद्वार, ( कुलभूषण ) शारदीय नवरात्र की नवमी पर अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रवणनाथ मठ स्थित गंगा घाट पर पूर्ण विधि विधान से 51 कन्याओं का पूजन कर और उन्हें उपहार भेंटकर उनसे आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि कन्या पूजन करने से मां भगवती बेहद प्रसन्न होती है और भक्तों को नवरात्र आराधना का मनवांछित फल प्रदान करती है। नवरात्र के अवसर पर सभी को समाज में व्याप्त बेटा-बेटी में भेदभाव की कुरीति को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि देवताओं और दानवों के बीच युद्ध और अच्छाई व बुराई का संघर्ष अनादि काल से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी देवी देवता शक्ति के आराधक हैं। भगवान राम ने भी रावण और लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए नवरात्रों में मां भगवती की आराधना की थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कन्याएं मां भगवती का साक्षात अवतार हैं। आज बेटियां प्रत्येक क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही है। जो भारत के लिए गर्व की बात है। मर्यादा, करूणा, सौम्यता, दया और विनम्रता के अवतार भगवान श्रीराम शक्ति को लोकहित में प्रयोग करना ही धर्म मानते थे और उनके नाम में इतनी उर्जा और चेतना है कि पत्थर भी पानी में तैरने लगते हैं। दुर्गा नवमी और विजयदशमी के पावन पर्व पर सभी को एक आदर्श समाज बनाने का संकल्प लेना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि सनातन परंपरा को प्रत्येक व्यक्ति में जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है।

भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुषों का अहम योगदान है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र पर्व दुर्गा पूजा के साथ अपने उत्कर्ष को प्राप्त होती है। इस दिन किया गया कन्या पूजन सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है, जो कभी निष्फल नहीं जाता। मां भगवती के आशीर्वाद से व्यक्ति को अलौकिक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि मठ, मंदिर, अखाड़े अपनी परंपरा के अनुसार भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस अवसर पर आरएसएस के विभाग प्रचारक चिरंजीव, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी कपिल मुनि, कोठारी महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, महंत प्रेमदास, महंत मोहन सिंह, महंत श्रीमहंत नारायण दास पटवारी, स्वामी विज्ञानानंद, जूना अखाड़े के श्रीमहंत प्रेमगिरी, महंत गोविंददास, महंत सूरजदास, महंत राधेगिरी, महंत राकेश गिरी, महंत रघुवीर दास, महंत विष्णुदास, महंत प्रहलाद दास, महंत तीरथ सिंह, स्वामी कृष्णानंद, महंत महेश पुरी, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी राजगिरी, अनिल शर्मा, महंत रवि पुरी, मुख्तियार रघुवन, एसएमजेएन कॉलेज प्रबंध समिति के सदस्य आरके शर्मा, एस एम जे एन के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, महामंत्री आशुतोष शर्मा, रामानंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा, महंत जगदीशानंद, महंत केशवानंद, समाजसेवी प्रदीप शर्मा, भाजपा नेता डा.जयपाल सिंह चौहान, समाजसेवी भोला शर्मा मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments