चमोली। जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद लापता चल रहे व्यक्तियों की तलाश का अभियान गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। एसएसबी ग्वालदम, पुलिस-प्रशासन एवं आइटीबीपी के जवानों की टीम नंदप्रयाग, कालेश्वर, लंगासू, कर्णप्रयाग संगम, बमोथ, गलनाऊं, सारी, जलेश्वर के नदी तट के किनारे शवों की तलाश में लगे हुए हैं। उधर, 72 घंटे बाद भी पहचान न होने पर 11 शवों और मानव अंगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि बुधवार व गुरुवार को अलकनंदा से बरामद शवों को कर्णप्रयाग मोर्चरी में रखा गया है। बताया जिन शवों को 72 घंटे से अधिक समय हो गया है, उनका डीएनए सैंपल लेने के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस क्रम में गुरुवार को पोखरी पुल के समीप अलकनंदा नदी तट पर मोर्चरी में 72 घंटे से रखे चार अज्ञात शवों एवं सात मानव अंगों का अंतिम संस्कार किया गया। अब मोर्चरी में बुधवार शाम व गुरुवार को गलनाऊं से बरामद दो शव हैं, जिसमें से एक शव अधिक पुराना लग रहा है। 72 घंटे तक शव की शिनाख्त न होने पर डीएनए जांच के उपरांत दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
आपदा में पशुओं को भी हुआ नुकसानः प्रशासन आपदा में मारे गए मवेशियों के आकलन में जुटा हुआ है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अभी तक जुआग्वाड़ में 180 बकरियां व पैंग गांव में चार खच्चरों के लापता होने की बात सामने आई है।
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