पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ में सड़क दुर्घटनायें पिछले एक दो हफ्ते से लगातार बढ़ती जा रही हैं, राज्य के पिथौरागढ़ जनपद में रविवार शाम हुए सड़क हादसे में लगभग 20 घंटे बाद मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही टीम ने गाड़ी और मृतकों को बाहर निकाल लिया गया है। सड़क हादसा इतना दर्दनाक था कि चट्टान के नीचे दबे सभी सात लोगों के शव बुरी तरह से क्षत विक्षत हो गए थे। जिनकी शिनाख्त काफी मुश्किल से हुई। पुलिस के मुताबिक शवों की हालत ऐसी हो गई है कि उनकी पहचान कराने में बेहद मुश्किल हुई। मृतकों की पहचान के लिए उनके शरीर पर पहने कपड़ों, अंगूठी, चेन आदि के माध्यम से शिनाख्त करी गई है। फिलहाल एसडीआरएफ तथा पुलिस ने कल से बंद पड़े इस मार्ग का मलवा साफ करते हुए रास्ते को यातायात के लिए भी खुलवा दिया है।
गौरतलब हो कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला-लिपुलेख सड़क पर थक्ती झरने के पास बीते दिवस रविवार की दोपहर चट्टान खिसकने से एक बोलेरो कैंपर दब गई थी। शुरुआत में इस हादसे में नौ लोगों के मलवे में दबने की बात सामने आई थी। बाद में इनकी संख्या आठ बताई जाने लगी। लेकिन बाद में पता चला कि एक व्यक्ति हादसे से पहले ही कुछ दूरी पर उतर गया था। जिसके बाद हादसे के समय गाड़ी में चालक व तीन बच्चों सहित सात लोग सवार थे।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ सहित कई टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन देर शाम तक टीम को कोई सफलता नहीं मिली। सोमवार की सुबह कई घंटे तक खोज एवं बचाव अभियान चलाने के बाद पुलिस और अन्य बलों ने सभी सात मृतकों के शव बरामद कर लिए हैं। हादसे में मारे गए एक व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो पाई है। मृतकों में तीन सगी बहनें कोपिला (13 वर्ष), कशिश (10 वर्ष) तथा नतिनि (5 वर्ष) पुत्रियां विदन सिंह निवासी नपलच्यू पिथौरागढ़, आशा देवी (55 वर्ष) पत्नी तुलाराम व तुलाराम पुत्र संजीत राम निवासी बूंदी (पति-पत्नी) तथा चालक ड्राइवर किशन सिंह भाट पुत्र तारा सिंह निवासी बलुवाकोट शामिल हैं। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।
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