Monday, November 18, 2024
HomeStatesUttarakhandजब 51 दूल्हे...! एक साथ पहुंचे दुल्हन लेने, घोड़ी पर सवार इन...

जब 51 दूल्हे…! एक साथ पहुंचे दुल्हन लेने, घोड़ी पर सवार इन दूल्हों की बारात को हर कोई देखता ही रह गया

देहरादून, जब 51 दूल्हे एक साथ घोड़ी पर सवार होकर अपनी-अपनी दुल्हन लेने पहुंचे तो हर कोई देखता रह गया, मौका था श्री-श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से कराए गए निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह का। इस मौके पर दुल्हनों की आंखे भी नम थी, उनका कहना था कि उन्होंने कभी नही सोचा था कि इतने भव्य तरीक़े से उनका विवाह हो सकेगा।
श्री श्री बाला जी सेवा समिति की ओर से रविवार को सामूहिक विवाह का भव्य समारोह सहारनपुर चौक के समीप स्थित हिंदू नेशनल इन्टर कॉलेज में किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धर्म पत्नी गीता धामी ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि ये निर्धन नहीं बल्कि बेहद ही धनवान कन्याएं हैं। इनके सिर पर बालाजी सेवा समिति के माध्यम से हजारों लोगों का आशीर्वाद है। सांसद नरेश बंसल,विधायक खजानदास, विधायक दुर्गेश लाल, विधायक सविता कपूर, वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने आयोजन पहुंच वर-वधु को आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इससे पहले दोपहर 12 बजे समिति की ओर से मायके वालों की रस्म निभाते हुए बारात का स्वागत किया गया। 1 बजे मांगल गीत की परंपरा शुरू हुई। प्रीति भोज के पश्चात सात फेरे और विदाई हुई।
श्री श्री बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि हमारी ओर से निर्धन कन्याओं की संख्या हर वर्ष बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष हमारी ओर से जो 51 कन्याओं का कन्यादान किया जा रहा है, ये सबके सहयोग से संभव हो पा रहा है। अगले वर्ष ये संख्या 108 होगी। अतुल्यम रिसोर्ट के ओनर श्रवण वर्मा ने बताया कि समिति के साथ मिलकर अप्रैल माह में रिसोर्ट में 11 निर्धन कन्याओं का विवाह कराया जाएगा।
इस आयोजन में मनोज खंडेलवाल,चंद्रेश अरोड़ा,श्रवण वर्मा,ओमप्रकाश गुप्ता,पंकज गुप्ता, उमाशंकर,रामपाल धीमान,सचिन गुप्ता, सौरव गुप्ता, प्रियम छेत्री, अशोक नागपाल, ममता गर्ग,रश्मि अरोड़ा,कविता खंडेलवाल आदि विशेष सहयोग कर रहे हैं। मंच संचालन सचिन गुप्ता ने किया।

हाथ नही है तो क्या…

निर्धन कन्याओ के विवाह में एक जोड़ी बेहद खास थी। ये जोड़ी थी तुनवाला में रहने वाली 25 वर्षीय नमिता और विशाल की। नमिता के माता-पिता नही होने की वजह से उनके चाचा ने उनको पाला और अब उसने जीवन में ऐसा जीवनसाथी चुना कि उसको अपने फैसले पर नाज़ है। नमिता के जीवनसाथी विशाल के दोनों हाथ नही है। ऐसे में जब भी कोई उनसे पूछता कि आपने ये फैसला कैसे लिया तो वो बोली क्यों हाथ नही है तो क्या, साथ तो है।

छह भाई बहनों में कभी न सोचा था :

उत्तरकाशी की रहने वाली कीर्ति के पिता ड्राइवर हैं। कीर्ति ने बताया कि वे छह भाई-बहन हैं। ऐसे में वह कभी नही सोच सकती थी कि उसके सपनों का राजकुमार इस तरह से उसको लेने आएगा। बड़े-भाई बहनों के बाद उसकी ही शादी इस तरह से हुई है, जो किसी सपने से कम नही है।

 

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments