Saturday, May 18, 2024
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खास खबर : छात्रों की प्रवेश संबंधी परेशानी बढ़ी, बिना सीयूईटी के प्रवेश का विकल्प समाप्त : अब यूजीसी और प्रदेश सरकार पर निगाहें : डॉ. सुनील अग्रवाल

छात्रों की प्रवेश संबंधी परेशानी को देखते हुए ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रवेश की तिथि 15 सितंबर तक विस्तारित की जाए’

देहरादून, उत्तराखंड़ में विश्वविद्यालय में बिना सीयूईटी के प्रवेश का विकल्प समाप्त होने से छात्रों की प्रवेश सम्बन्धी परेशानी और बढ़ गयी, यह कहना है एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंसड इंस्टीट्यूटस उत्तराखंड के अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया अनऐडेड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का | एक मुलाकात में डा. अग्रवाल ने कहा कि अब छात्रों की निगाहें यूजीसी और प्रदेश सरकार पर टिकी हैं |
उन्होंने प्रदेश के छात्रों को हो रही प्रवेश संबंधी समस्या पर चिंता जताई है | डा. अग्रवाल ने कहा की गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बिना सीयूईटी के छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और जैसा की छात्र आंदोलन से दिखाई दे रहा है कि अधिकांश छात्र प्रचार के अभाव में सीयूईटी की प्रवेश परीक्षा से वंचित रहे हैं, ऐसे में छात्रों के पास श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश का विकल्प था लेकिन श्री देव सुमन विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय दोनों में ही समर्थ पोर्टल से प्रवेश 26 अगस्त को बंद हो चुके हैं | ऐसे में छात्रों के सामने दोहरी परेशानी है गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बिना सीयूईटी के प्रवेश की अनुमति कॉलेजों को नहीं दी है और इस संबंध में गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों की निर्णय विहीनता की स्थिति को देखते हुए उनसे कोई उम्मीद भी नहीं है बिना सीयूईटी के छात्रों के पास श्री देव सुमन विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय में प्रवेश का विकल्प था, लेकिन कल से इनमें प्रवेश हेतु समर्थ पोर्टल भी बंद हो चुका है |
उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर वार्ता के बाद प्रदेश सरकार का रुख सकारात्मक रहा और सरकार द्वारा कई बार प्रवेश की तिथि विस्तारित भी की गई लेकिन प्रदेश में पिछले दो महीने से प्राकृतिक आपदाओं के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है और जगह-जगह आवागमन अवरुद्ध है, जिसके कारण अभी अधिकांश छात्र प्रवेश नहीं ले पाए हैं | इस संबंध में राज्य सरकार को पुनः अवगत कराया गया है और प्रवेश हेतु 15 सितंबर तक तिथि विस्तारित करने की मांग की गई है, यूजीसी से भी यह मांग की गई है की गढ़वाल विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाए के प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सी यू ईटी की बाध्यता से प्रवेश को मुक्त किया जाए अब वर्तमान परिस्थितियों में विश्वविद्यालयों से तो कोई उम्मीद नहीं है लेकिन यूजीसी और राज्य सरकार से यह उम्मीद है कि वह छात्र हित में उपयुक्त निर्णय लेकर छात्रों के भविष्य को सुनिश्चित करेगी |
डा. अग्रवाल ने कहा कि इस सत्र में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबंध कुछ कॉलेजों ने नए कोर्सों हेतु विश्वविद्यालय का निरीक्षण करवाया था और विश्वविद्यालय ने उन कोर्सों का अनुमोदन कर फाइलें राजभवन भेज दी थी इसी प्रकार से कुछ कॉलेजों ने अपने कुछ कोर्स गढ़वाल विश्वविद्यालय से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में ट्रांसफर किए थे उसमें भी विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई थी, लेकिन समर्थ पोर्टल में उन कॉलेजों के समक्ष उक्त कोर्स प्रदर्शित नहीं हो रहे थे | जिससे उन कोर्सों के छात्रों को कॉलेज द्वारा समर्थ पोर्टल में अपलोड नहीं किया जा सका है | एक तरफ राज्य सरकार की इच्छा है कि सभी कॉलेज गढ़वाल विश्वविद्यालय से श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में ट्रांसफर लें दूसरी तरफ विश्वविद्यालय द्वारा ट्रांसफर लिए गए कॉलेज के कोर्स में भी लापरवाही बरती जा रही है | अब राज्य सरकार से यह उम्मीद है कि छात्रों की प्रवेश संबंधी परेशानी को देखते हुए ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रवेश की तिथि 15 सितंबर तक विस्तारित की जाएगी |

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