Thursday, January 23, 2025
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आंचलिक विज्ञान केंद्र ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

देहरादून। यूकॉस्ट के विज्ञान धाम स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र ने ‘संग्रहालयों की शक्ति’ थीम पर अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (18 मई) मनाया। इस अवसर पर केंद्र ने ऑनलाइन लोकप्रिय व्याख्यान तथा दिनभर विज्ञान प्रदर्शन गतिविधियों का आयोजन किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में, मुख्य अतिथि करेन एम ली, निदेशक, कार्यक्रम एवं भागीदारी, नेशनल पार्क फाउंडेशन, वाशिंगटन डीसी ने “टाइम्स ऑफ टर्मोइल-बिल्डिंग म्यूजियम एंड पार्क इनक्लूसिविटी थ्रू द ह्यूमैनिटीज” विषय पर अपना मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सामाजिक सद्भाव बनाने और समाज को विभिन्न संघर्षों और तनावों से निपटने में मदद करने के लिए संग्रहालयों और सार्वजनिक पार्कों के महत्व पर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि संग्रहालयों में समाज को बदलने, समुदायों का निर्माण करने, स्थिरता लाने, ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नवाचार करने की क्षमता है

। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संग्रहालय विकास को गति प्रदान कर सकते हैं, सामाजिक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का निर्माण कर सकते हैं, समाज में सांस्कृतिक संवेदनशीलता विकसित करते हैं तथा व्यक्तिगत स्तर पर प्रेरणा, रुचि और जिज्ञासा बढ़ने के साथ आजीविका के विकल्पों में मदद करते हैं। उन्होंने हालिया महामारी, जलवायु परिवर्तन एवं अन्य खतरों के प्रभाव से निपटने और कम करने पर भी जोर दिया। इससे पहले, महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद राज्य में विज्ञान संग्रहालयों के विकास के साथ-साथ एक महत्वाकांक्षी संसाधन विज्ञान शहर की दिशा में लगातार काम कर रही है।

श्री जीएस रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी देहरादून परियोजना ने कार्यक्रम का समन्वय किया। अपने संक्षिप्त नोट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वभर के संग्रहालयों के बीच अनुभव साझा करना उनके विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय सांस्कृतिक अखंडता और ज्ञान प्रसार के केंद्र हैं, जिन्हें गतिशील संस्थान बनाने की आवश्यकता है। आउटरीच कार्यक्रम तथा प्रौद्योगिकी के उचित प्रयोग से आगंतुकों के साथ जुड़ाव, भागीदारी, अंतःक्रियात्मकता, अनुभवात्मक बढ़ने पर संग्रहालयों को काम करने कि जरुरत है। डॉ कैलाश एन भारद्वाज, प्रभारी, आंचलिक विज्ञान केंद्र ने विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आमजन से सपरिवार विज्ञान केंद्र का भ्रमण करने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम में 60 से अधिक प्रतिभागियों उपस्थित रहे।

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