Thursday, April 25, 2024
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अनियंत्रित कटान के कारण यमुनोत्री हाईवे में दो अप्रैल से 12 अप्रैल तक आवाजाही रहेगी बंद

उत्तरकाशी, उत्तराखंड़ में मुख्य मार्गो के चोड़ी करण का कार्य जारी है, लेकिन इन सब के बीच यमुनोत्री हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य में मानकों को ताक पर रखकर अनियंत्रित पहाड़ कटान किया जा रहा। इसके चलते यहां चारधाम यात्रा की राह में कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं। पहले यहां कई जगहों पर डेंजर जोन नासूर बने हुए थे, वहीं अब यहां एक और नया डेंजर जोन विकसित होने की आशंका जताई जा रही है। जिसके चलते यहां यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही रोक दी गई है। अनियंत्रित पहाड़ कटान से बढ़े खतरे के चलते यमुनोत्री हाईवे पर दो अप्रैल से 12 अप्रैल तक आवाजाही बंद कर दी गई है। यमुनोत्री हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य के कारण मानकों को ताक में रखकर अनियंत्रित पहाड़ कटान किया जा रहा है। चारधाम यात्रा के लिए किसाला खनेडा गांव की तलहटी पर डेंजर जोन विकसित होने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए यमुनोत्री हाईवे पर कल 2 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आवाजाही बंद रहेगी।

 

यमुनोत्री हाईवे पर पौलगाँव से पालीगाड़ तक ऑलवेदर सड़क परियोजना के तहत चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके कारण यमुनोत्री हाईवे पर किसाला व खनेडा गांव की तलहटी पर अनियंत्रित पहाड़ कटान से हाईवे के ऊपरी हिस्से में चटटान खिसकने से खतरा बढ़ गया है, एसडीएम शालिनी नेगी ने राज्यहित जनहित में अधिकार का प्रयोग करते हुए एनएच व निर्माण एजेंसी को तेजी लाने को भी आदेशित किया है। नवनिर्वाचित यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी चारधाम यात्रा के लिए चुनौती बन रहे किसाला खनेडा गांव की तलहटी पर हो रहे चौड़ीकरण के कार्य व उसमें हो रही लापरवाही पर अपनी नाराजगी जताई थी।

 

प्रदेश में चारधाम यात्रा में चलेंगी सीएनजी और ई-बसें : परिवहन मंत्री चंदनराम दास

देहरादून, प्रदेश की चारधाम यात्रा में इस बार सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें भी संचालित की जाएंगी। प्रदेश के परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन महकमा चारधाम यात्रा को सुलभ बनाए।
विधानसभा स्थित कक्ष में गुरुवार को आयोजित बैठक में परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त, निगम की एमडी सहित तमाम अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मंत्री चंदनराम दास ने सबसे पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा का सुलभ संचालन बताई।उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में इस बार सीएनजी और ई-बसें भी संचालित की जाएं, ताकि लोगों को सस्ती और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिल सके।
उन्होंने परिवहन निगम के लिए अलग से योजना बनाने को कहा है। निगम वर्तमान में 100 करोड़ के घाटे में बताया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि परिवहन निगम की आय बढ़ाने के लिए वह जल्द ही यूनियनों और अधिकारियों के साथ अलग से बैठक करेंगे। हर हाल में निगम को घाटे से उबारना है। उन्होंने कहा कि निगम कर्मचारियों का अब फरवरी का वेतन बकाया है जो जल्द जारी होगा। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन का लक्ष्य निर्धारित कर उस हिसाब से काम करने के निर्देश दिए।

 

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुहिम रंग लाई, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख को भी मिलेगा सी.आर. लिखने का अधिकार

‘अन्य राज्यों में अधिकारियों की सी.आर. लिखने के मामलों के अध्ययन को कमेटी गठित करने का आदेश’

देहरादून, प्रदेश कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की लंबे समय से शासन में सचिवों की एसीआर लिखने का अधिकार कैबिनेट मंत्रियों को दिए जाने की मुहिम रंग लाने लगी है। उनके कहने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए मुख्य सचिव को एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिये हैं।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं मंत्री सतपाल महाराज लंबे समय से शासन में सचिवों की एसीआर लिखने का अधिकार कैबिनेट मंत्रियों को दिए जाने के साथ साथ राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष को जिलाधिकारी और ब्लॉक प्रमुख को बीडीओ की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने की पैरवी करते आ रहे हैं। गुरूवार को चारधाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर हुई बैठक के अंत में उन्होने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराते हुए बताया कि पूर्व में भी इस प्रकार की व्यवस्था रही है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सचिव को आदेशित करते हुए कहा कि इस संबंध में तत्काल एक कमेटी बनाकर इस बात का अध्ययन किया जाए कि कौन-कौन से राज्यों में मंत्रियों को सचिवों की सी.आर.लिखने का अधिकार है।

श्री महाराज ने कहा कि राज्य में हर स्तर पर जनप्रतिनिधियों को मजबूत किया जाएगा। उन्होने कहा कि कई बार अधिकारी जनता के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लिहाजा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए अधिकार दिए जाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ताकि कोई भी अधिकारी विकास कार्यों में लापरवाही न कर सके।

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