ऋषिकेश, पंचायत भवन का निर्माण प्रधान पति के द्वारा किये जाने की मामला जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है | वाकया पौड़ी जिले के सिरासू गांव का है जहां पंचायत भवन का निर्माण 15 लाख की लागत से किया गया, मौके पर पंचायत भवन तो बना, मगर उसकी सुरक्षा दीवार गायब है, साथ ही पंचायत भवन के निर्माण का ठेका भी तत्कालीन प्रधान ने अपने पति को ही दे दिया था। ठेकेदार पति पर कोई आंच न आए, लिहाजा टेंडर की शर्तों में पति ने प्रधान को शपथ-पत्र दाखिल कर अनजान तक बता दिया। आरटीआई में मामले का खुलासा होने पर अब जिला प्रशासन ने मामले पर जांच बैठा दी है।
पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक के दुर्गम गांव सिरासू में जिला योजना और विधायक निधि से 15 लाख रुपए पंचायत भवन समेत उसकी सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए स्वीकृत किये गए थे। साल 2017-18 में लोकार्पित इस योजना के निर्माण में तत्कालीन प्रधान के पति ने ठेकेदारी के लिए पत्नी से शपथ-पत्र दाखिल कर कोई रिश्ता नहीं होने की बात तक अंकित कर दी। पंचायत भवन की सुरक्षा दीवार नहीं होने के बावजूद ब्लॉक से 15 लाख रुपए की रकम भी रिलीज कर दी गई। आरटीआई के जरिये जब इस बात का खुलासा हुआ तो शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर डीएम और मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी से की गई, जिसपर अब जांच शुरू कर दी गई है।
वर्तमान में प्रधानपति से प्रधान बने प्रीतम राणा ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। उनका कहना है कि यह सब जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है, सिरासू में पंचायत भवन के निर्माण में अनियमितता की जांच करने पहुंचे अधिकारी ने भी पंचायत भवन की बाउंड्रीवाल नहीं बनाए जाने की बात को स्वीकार किया है। अब उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंपने की बात कही है।
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