देहरादून, राजधानी देहरादून में चार वर्ष बाद हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी चल रही। हालांकि, नगर निगम अधिनियम के अनुसार इसमें हर दो वर्ष में वृद्धि की जानी चाहिए, लेकिन वर्ष-2019 में लागू वृद्धि को महापौर ने विशेषाधिकार का प्रयोग कर चार वर्ष कर दिया था। अब टैक्स निर्धारण को गठित कमेटी ने टैक्स में दस प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश कर दी है। चूंकि, अगले वर्ष निकाय चुनाव भी हैं और निगम जनता का विरोध नहीं झेलना चाहता, ऐसे में वृद्धि कम की जा रही है, वरना नगर निगम प्रशासन इसमें बीस प्रतिशत की वृद्धि चाह रहा था। इसके साथ ही तय हुआ कि कम चौड़ी गली व सड़क पर टैक्स की दरें कम, जबकि अधिक चौड़ाई वाली सड़कों पर टैक्स दरें अधिक होंगी।
जानिए किसका टैक्स होगा दोगुना :
खाली प्लाटों में गंदगी की समस्या को देखकर इनका टैक्स दोगुना करने की सिफारिश की गई है। अब समिति की सिफारिश पर अंतिम निर्णय को लेकर नगर निगम की बोर्ड बैठक शीघ्र ही बुलाई जा सकती है। अगले वित्तीय वर्ष से नगर निगम हाउस टैक्स की जो प्रणाली लागू करने जा रहा है, उसमें जैसा इलाका, वैसा हाउस टैक्स के हिसाब से व्यवस्था की जाएगी। समिति के अनुसार निगम अधिनियम के तहत हर दो वर्ष में हाउस टैक्स का दोबारा से निर्धारण करना होता है। चूंकि, नई दरें वर्ष 2019 में लागू की गई थी, लिहाजा ऐसे में निगम को अप्रैल-2021 में नई दरें लागू करनी चाहिए थी। उस दौरान कोरोना का असर व दूसरी लहर चरम पर होने के कारण महापौर गामा ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए अगले दो वर्ष के लिए पुरानी दरों पर को ही लागू कर दिया। अब चार साल बाद नई दरों को लागू करना जरूरी है।
दरअसल, निगम ने वर्ष 2014 में जो दरें लागू की थीं, उसमें कई त्रुटियां थीं। इसमें हर वार्ड की दरें अलग की गई थीं। ऐसे में उन मोहल्ले वालों को दिक्कत थी, जिनके बगल में पाश इलाका है। इन लोगों को पाश इलाके के बराबर टैक्स देना पड़ा। यानी, जहां सुविधाएं पूरी हैं वहां भी टैक्स वैसा ही जहां सुविधाएं नहीं। लोगों ने नगर निगम में आक्रोश भी जताया। कुछ इलाकों का टैक्स संशोधन प्रस्ताव शासन को भी भेजा गया, लेकिन फैसला नहीं हो पाया। पुरानी टैक्स प्रणाली में एक दिक्कत ये भी थी कि इलाका एक जैसा है लेकिन सड़क के एक तरफ दूसरा वार्ड है तो दूसरी तरफ दूसरा। इस स्थिति में भी लोगों को अलग-अलग टैक्स देना पड़ रहा था। निगम ने वर्ष-2019 में लागू नई वृद्धि में कुछ तकनीकी परेशानी दूर भी की थी, लेकिन कुछ शेष रह गईं। अब इन परेशानियों को दूर करने के लिए निगम ने मोहल्ले व क्षेत्र के हिसाब से टैक्स प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है।
पांच मीटर से कम सड़क पर छूट
टैक्स कमेटी ने पांच मीटर से कम चौड़ी सड़क पर टैक्स में बीस प्रतिशत की छूट देने की सिफारिश की है। इसके साथ ही पांच मीटर से 20 मीटर चौड़ी सड़क पर टैक्स में छूट का प्रविधान खत्म करने की सिफारिश की गई है।
सुविधा से वंचित इलाकों में दरें कम रहेंगी :
1-सुविधा से संपन्न इलाकों में हाउस टैक्स की दरें कुछ अधिक होंगी और सुविधा से वंचित इलाकों में ये दरें कम रहेंगी।
2-उन जन की शिकायतें भी अब बंद होंगी, जिन्हें वार्ड की तय दर के हिसाब से टैक्स देना पड़ता था।
3-टैक्स निर्धारण के लिए महापौर सुनील उनियाल गामा ने निगम अधिकारियों और पार्षदों की एक समिति बनाई हुई है।
4-गत 29 अक्टूबर को समिति की बैठक हुई थी। जिसमें टैक्स में वृद्धि की सिफारिश की गई।
1.35 लाख भवनों पर नया टैक्स
वर्ष 2014 में जब नगर निगम ने नया टैक्स लागू किया था, उस समय 1.25 लाख भवनों का आंकलन किया गया था, लेकिन वर्ष 2019 में 1.30 लाख भवनों का आंकड़ा सामने आया। अब नए सर्वे के अनुसार यह आंकड़ा 1.35 लाख तक जा पहुंचा है। हालांकि, यह टैक्स पुराने साठ वार्डों के परिसीमन से बने 69 वार्डों पर ही लागू होगा। नए 31 वार्डों को दस वर्ष तक टैक्स में छूट मिली हुई है। सभी भवनों की जीआइएस मैपिंगशहरी क्षेत्र में हाउस टैक्स में भवनों के सटीक आकलन के लिए नगर निगम सभी भवनों की जीआइएस मैपिंग करा रहा और इसमें टैक्स न चुकाने वाले भवन मालिकों को चिह्नित भी किया जा रहा। अब तक हुए सर्वे में दस हजार से अधिक ऐसे भवन पकड़ में आ चुके हैं।
महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि नगर निगम के वित्तीय संसाधन बढ़ाने व निगम अधिनियम के अनुसार हाउस टैक्स में वृद्धि प्रस्तावित है। कोरोना के कारण इसे दो वर्ष तक टाल दिया गया था, मगर अब वृद्धि आवश्यक है। समिति ने जो सिफारिश की है, उस पर निगम बोर्ड में चर्चा करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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