देहरादून। भारतीय जीवन बीमा निगम के पेंशन भोगी कर्मचारियों अधिकारियों ने 30 प्रतिशत फैमिली पेंशन, वेतन के साथ पेंशन पुनर्निर्धारण और पुरानी पेंशन बहाली की मांगों हरिद्वार रोड स्थित मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। निगम के मंडल कार्यालय में प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए संगठन के संतोष शर्मा ने कहा कि पारिवारिक पेंशन को तीस प्रतिशत करने का प्रस्ताव एलआईसी तथा जिप्सा द्वारा सितबर 2019 में वित्त मंत्रालय भारत सरकार को स्वीकृति व गजट नोटिफिकेशन के लिए भेजा गया था। परन्तु साढ़े तीन वर्ष पश्चात भी प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में लंबित है, जबकि पारिवारिक पेंशन बीमा क्षेत्र को छोड़ कर सभी क्षेत्रों में तीस प्रतिशत की जा चुकी है। यह भेदभाव बीमा कर्मियों के साथ अन्याय है। सभा को सम्बोधित करते हुए चंद्र प्रकाश नैथानी ने कहा कि बीमा क्षेत्र में वेतन पुनर्निर्धारण के साथ पेंशन का पुनर्निर्धारण नहीं किया जाता है। जो कि न्याय संगत नहीं है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पंचम वेतन आयोग के पश्चात यह सुविधा दे दी गयी है। जबकि 1995 के पेंशन नियम के अनुसार, कोई भी संशोधन केंद्र सरकार के स्तर पर होता है तो वह निगम पेंशन नियम में भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि नयी पेंशन स्कीम का विरोध करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की मांग जारी रखी जाएगी। साथ ही जो कर्मचारी वर्तमान में हैं। उनका नियोक्ता का अंश 14 प्रतिशत किया जाय। सभा का संचालन मंडलीय महासचिव नन्द लाल शर्मा ने किया। सभा श्रवण कुमार, जीके बहल, एसएल शाह, धन सिंह नेगी, एचएस नेगी, अमरजीत सिंह, प्रमोद गोयल, एमडी पाठक, जेपीएन गैरोला, योगेश्वर पुरोहित, बीना पांथरी, शशि, गीता जोशी, आशीष राठौर, बीआर चौहान, अनिल जखमोला, जीपी मल्होत्रा, मनोहर सिंह, समीर सिंह, मदन सिंह पंवार आदि उपस्थित रहे।
मेयर के दस गुना संपत्ति बढ़ने के आरोपों को लेकर सियासत गरमाई, कांग्रेस भाजपा पर हमलावर
देहरादून, राजधानी दून के महापौर सुनील उनियाल गामा की दस गुना संपत्ति बढ़ने के आरोपों को लेकर सियासत गरमा गई है। इस मामले में अब विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा सरकार वैसे तो जीरो टॉलरेंस का नारा लगा रही है। लेकिन भाजपा के नेता खुद ही भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं।
महरा ने मेयर सुनील उनियाल गामा की संपत्ति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चार सालों में इतनी संपत्ति बढ़ना किसी के गले नहीं उतर रहा है। ऐसे में खुद सुनील उनियाल गामा को मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखना चाहिए। लेकिन वह मीडिया से भी दूरी बनाए हुए हैं।
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