अल्मोड़ा। हमें क्यों कैसे तथा क्या जैसे तर्क वितर्क करके ही किसी बात पर विश्वास करना चाहिए। ये बात बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा आयोजित 61वें वेबीनार में मुख्य अतिथि पुरातत्वविद् डॉ. जीवनसिंह खर्कवाल निदेशक साहित्य संस्थान जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर, राजस्थान ने ऑनलाइन त्वरित भाषण के मुख्य अतिथि बतौर बच्चों से कही। उन्होंने रात को झाडू क्यों नहीं लगाना चाहिए,
किसी निश्चित दिन ही निश्चित दिशा की यात्रा की जानी चाहिए या छींक आने पर यात्रा स्थगित करनी चाहिए जैसे बातों के तर्क बच्चों के सामने रखे। उन्होंने कहा कि पहले जमाने में रात में बिजली का प्रकाश नहीं था। रात को झाड़ू लगाने पर बहुमूल्य सामान कूड़े में जा सकता था। इसलिए रात को झाड़ू लगाना वर्जित था। परंतु आज तो रात में भी दिन की तरह प्रकाश की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि हमें किसी बात पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए। उसके पीछे क्यों कैसे जैसे तर्क वितर्क करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के आज के दौर में अंध विश्वास के बजाय हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हडप्पा संस्कृति के बारे में उन्होंने बताया कि आज से लगभग पांच हजार साल पहले हडप्पा की संस्कृति में घर के आसपास नालियों को बंद रखने के प्रमाण हैं। परंतु वर्तमान में हमारे यहां घर के आस पास नालियां खुली रहती हैं। उन्होंने बच्चों से वैज्ञानिक सोच अपनाने तथा पुस्तकें पढ़ने की आदत बनाने की बात कही। बच्चों द्वारा त्वरित दिए गए विषय पर भाषण प्रस्तुत करने पर उन्होंने कहा कि हम बड़े लोग भी त्वरित दिए गए विषयों पर इतना अच्छा नहीं बोल सकते हैं।
त्वरित भाषण में चित्रांशी, प्रांजलि, पवन, पिंकी, इधांत, खुशी, कौस्तुभ, चैतन्य, प्रेरणा, पूर्वांशी, आदित्य, कार्तिक, शिवसागर, साक्षी, अरमान,शैली, पलक, धु्रव, दीपांशु विधि, आदिश्री,अमृत, नलिन, सिमरन, तन्मय,युवराज व आयरा सहित कक्षा 3 से कक्षा 12 तक के 39 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक बालप्रहरी के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान के सचिव उदय किरौला ने बताया कि त्वरित भाषण के आज के तीसरे चरण से पहले प्रथम चरण में 38 तथा दूसरे चरण में 36 बच्चों ने पूर्व में त्वरित भाषण में प्रतिभाग किया। कुल मिलाकर लगभग 113 बच्चों ने त्वरित भाषण में प्रतिभाग करके अपनी प्रतिभा दिखाई है। त्वरित भाषण का संचालन नोजगे पब्लिक स्कूल खटीमा की कक्षा 8 की छात्रा भूमि बिष्ट ने किया। ज्योति पांडे, रोमा चंद, तनूजसिंह खेतवाल, अभिषेक कुमार तथा जिया जोशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण के साथ ही दिए गए त्वरित विषय पर अपना भाषण प्रस्तुत किया।
इस अवसर शिक्षा विभाग उत्तराखंड के उप निदेशक आकाश सारस्वत, बालप्रहरी के संरक्षक श्यामपलट पांडे(अहमदाबाद), बाल पक्ष की संपादक डॉ. कुसुम नैथानी (देहरादून), डॉ.प्रेम प्रकाश पुरोहित (चमोली), उद्धव भयवाल (औरंगाबाद), शशि ओझा (भीलवाड़ा), हरीश सेठी (सिरसा), सुधा भार्गव (बेंगलोर),गीता धामी(खटीमा), बृजमोहन जोशी (चंपावत), आभा जोशी(लखीमपुर), देवसिंह राना (दिल्ली),नरेंद्र गोस्वामी (कपकोट) आदि ने ऑनलाइन बच्चों के विचार सुने। अंत में बालप्रहरी के संरक्षक श्याम पलट पांडेय ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
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