देहरादून, इस बार मौसम की बेरूखी से उत्तराखण्ड़ को भी दोचार होना पड़ा, जिस तरह से राज्य में सर्दी के मौसम में बारिशें होती थी उस तरह की बारिश अभी तक नहीं हुई, पिछले एक दो दिनों मौसम में परिवर्तन हुआ और उत्तराखंड में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थल लकदक हो गए हैं। वीकेंड पर हुई बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं। खासकर मसूरी के निकट धनोल्टी, उत्तरकाशी के हर्षिल, दयारा बुग्याल, नचिकेताताल और विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चमोली के औली चोपता आदि में जमकर हिमपात हुआ है। बर्फबारी से लंबे समय से सूखी ठंड का असर भी कम हुआ है। जबकि बारिश और बर्फबारी फसलों के लिए संजीवनी बनकर बरसी है। इससे नकदी फसलों के अलावा पारंपरिक फसलों के बर्बाद होने की आशंका कुछ कम हुई है।
उत्तराखंड में पिछले छह माह से अधिक समय से बारिश और बर्फबारी न होने से सूखी ठंड का प्रकोप था। बारिश न होने से लोग बीमारी के चपेट में आ रहे थे। जबकि फसलों को भारी नुकसान हो रहा था। खासकर नकदी फसलों को बड़े नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा था। सेब के लिए सीजन की बर्फबारी बेहद जरूरी थी। जिसका असर फ्लोरिंग और फ्रुटिंग पर भी पड़ता है। गत दिवस मौसम ने अचानक करवट बदली तो निचले हिस्से में बारिश के साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। खासकर विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा औली में डेढ़ से दो फीट बर्फबारी हुई है। औली का अधिकांश हिसा बर्फबारी से सफेद चादर से ढक गया है। इसी तरह मिनी स्वटजरलैंड कह जाने वाले चोपता में भी जमकर बर्फबारी हुई है। उत्तरकाशी के चौरंगीखाल, नचिकेता ताल, डोडीताल, दयारा बुग्याल, रैथल, बारसू गांव और हर्षिल घाटी में भी जमकर हिमपात हुआ है। माह के अंत और वीकेंड पर हुई बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं। मसूरी के धनोल्टी, नागटिब्बा आदि इलाकों में भी बर्फबारी हुई है।
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