उत्तरकाशी, पर्यावरण संरक्षण एवं मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़े संघर्ष को कम करने के लिए पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान (जाड़ी) के द्वारा वर्ष 2017 से बीज बम अभियान चलाया जा रहा है। बीज बम अभियान में जन भागीदारी बढ़ाने एवं ज्यादा से ज्यादा लोग बीज बम के बारे में जाने समझे इस हेतु संस्थान के द्वारा वर्ष 2019 से 9 जुलाई से 15 जुलाई तक बीज बम अभियान सप्ताह मनाया जाता है। विगत वर्षो की भांति इस वर्ष आज रविवार 9 जुलाई को उत्तराखण्ड एवं हिमाचल में विभिन्न जनसंगठनों, महिला स्वयं सहायता समूह ने बीज बम अभियान सप्ताह की शुरूआत की है। बीज बम अभियान अब देश का अभियान बन चुका है। मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़ रहे संघर्ष का एक ही समाधान है कि जंगलों में वन्य जीवों के लिए भोजन, पानी की व्यवस्था हो।
पानी के लिए जल कुण्ड और भोजन के लिए बीज बम :
बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि रविवार 9 जुलाई को उत्तराखण्ड एवं हिमाचल में दो सौ पचास स्थानों पर बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया।
उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत 10 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से भारत के 18 राज्यों के साथ दुनिया के दस देशों के कार्यकर्ताओं और उत्तराखण्ड के दो लाख से अधिक छात्र छत्राओं को संबोधित करेंगे।
बीज बम बनाने की विधि :
मिट्टी, कम्पोस्ट, कागज की लुगदी को मिला कर छोटे छोटे गोले बनाऐ। गोलो के अंदर 2 बीज डाल दे। बीज छेत्र विशेष व बुआई, समय के अनुरूप होने चाहिए। गोलो को छाव में रखने के बाद 3-4 दिन में चयनित स्थान पर डाल दे।
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